अगले तीन साल में भारतीय शेयर बाजार के कुल मार्केट कैप में 400 अरब डालर की वृद्धि हो सकती है। इससे भारत का शेयर बाजार दुनिया का पांचवां बड़ा बाजार बन जाएगा। अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्श ने दावा किया कि इस वर्ष अब तक आइपीओ के जरिये विभिन्न् कंपनियों ने 10 अरब डालर यानी लगभग 75,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह पिछले तीन वर्षों में जुटाए गए धन से अधिक है।
गोल्डमैन ने बताया कि अगले 12 से 24 महीनों में शेयर बाजार में आइपीओ आते रहेंगे। इसमें बड़ी भागीदारी यूनीकार्न की होगी।” यूनीकार्न उन कंपनियों को कहते हैं, जिनका बाजार मूल्यांकन एक अरब डालर से अधिक होता है। इंटरनेट इकोसिस्टम के विकास, निजी पूंजी की उपलब्धता और अनुकूल वातावरण के चलते इस तरह की कंपनियों की संख्या बढ़ी है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि शेयर बाजार का वर्तमान मार्केट कैप 3.5 लाख करोड़ डालर है और यह 2024 तक पांच लाख करोड़ डालर से अधिक हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो मार्केट कैप के हिसाब से भारत का शेयर बाजार विश्व का पांचवां बड़ा बाजार बन जाएगा।
वर्तमान में भारतीय इक्विटी सूचकांक इस क्षेत्र में सबसे पुराने हैं। इनकी औसत लिस्टिंग अवधि 20 वर्ष से अधिक है। खास बात यह है कि अभी शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों में इकोनामी के पुराने सेक्टरों का ही वर्चस्व है। हालांकि बड़ी डिजिटल कंपनियों के आइपीओ आने के दो से तीन साल के अंदर इनका एक्सपोजर पांच फीसद से बढ़कर 12 फीसद तक होने की पूरी उम्मीद है।
कुछ समय पहले ही फूड एग्रीगेटर जोमैटो शेयर बाजार में उतरी है। पेटीएम सहित दूसरी फिनटेक कंपनियों ने आइपीओ के लिए आवेदन दे रखा है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि देश के इक्विटी बाजार ने इस साल अच्छा प्रदर्शन किया है और इस वर्ष जनवरी के बाद से यह 26 फीसद ऊपर है।