यूक्रेन की राजधानी कीव में हिसार के युवक अंकित ने मानवीयता की अद्भुत मिशाल पेश की। वहां अंकित ने अपनी जान जोखिम में डालकर पाकिस्तानी युवती मारिया को सुरक्षित पाक दूतावास पहुंचाया। उनके इस जज्बे को देखकर पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी भी हैरान रह गए। उन्होंने अंकित का स्वागत किया और उन्हें रोमानिया बार्डर तक सुरक्षित पहुंचाया। साथ ही उनको धन्यवाद भी बोला। अंकित भारत के लिए रवाना हो चुके थे।
कीव यूनिवर्सिटी में भाषाई कोर्स की पढ़ाई कर रहे अंकित की रोमानिया पहुंचने के बाद तबीयत खराब हो गई है। एक बार चक्कर खाकर वह शेल्टर में गिर पड़े। स्थानीय लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। अंकित के मुताबिक 27 फरवरी को कीव छोड़ने के लिए कहा गया था। 28 फरवरी को कहा गया कि अब कोई कीव में नहीं रुक सकता। ऐसे में वह अपने साथ पढ़ रही पाकिस्तान की मारिया के साथ रोमानिया के लिए निकल पड़े। चार घंटे पैदल चलकर रेलवे स्टेशन पहुंचे। एक के बाद एक कर आईं तीन ट्रेनें इतनी भरी थीं कि वे उसमें चढ़ नहीं पाए। अगली ट्रेन आई तो जो लवीवी जा रही थी। अंकित इस बार चूकना नहीं चाहते थे। उन्होंने अपने व मारिया के बैग ले लिए। मारिया को किसी तरह ट्रेन में चढ़ाया, फिर बैग लेकर खुद चढ़ गए। उन्होंने बताया कि ट्रेन कुछ ही दूर चली थी कि एक तेज धमाका हुआ। ट्रेन के ठीक पास बम गिरा था। उन्होंने खिड़की से बाहर देखने की कोशिश की तो इतनी देर में गोलियां चलने लगीं। संयोगवश एक यात्री ने उन्हें खींच लिया और वह बाल-बाल बचे।
अंकित व मारिया किसी तरह टर्नोपिल शहर पहुंचे। ट्रेन से उतरने के बाद अंकित मारिया को पाकिस्तानी दूतावास छोड़कर आए। भारतीय छात्र की इस भावना को देख पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों ने सैल्यूट कर उनका स्वागत किया। उन्होंने अंकित को पाकिस्तानी छात्रों के साथ रोमानिया बार्डर तक पहुंचाया। वहां दो घंटे बाद वह रोमानिया में दाखिल हो गए। भयानक बर्फीली हवाओं को अंकित ने रोमानिया तक के सफर में नौ घंटे तक झेला। इस कारण रोमानिया पार करने के बाद उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई। स्थानीय लोगों ने उपचार दिलाया। वह 17 घंटे तक रोमानिया स्थित शेल्टर में जद्दोजहद करते रहे। वह व उनके साथ करीब 47 भारतीय विद्यार्थी एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए तब चैन की सांस ली।