यूक्रेन से सकुशल लौटे विद्यार्थी विदेश में भारत के तिरंगे की शान के गवाह भी बने और देश के पासपोर्ट की ताकत को भी अपनी आंखों से देखा। पाकिस्तानी और अन्य देशों के नागरिक भी किस तरह तिरंगा उठाकर आगे बढ़ रहे थे, लेकिन अंत में उनके पासपोर्ट ने उनकी राह रोक दी।
यूक्रेन की उजगरोद नेशनल यूनिवर्सिटी में मेडिकल के तीसरे वर्ष की छात्रा मनस्वी शर्मा भी जम्मू में अपने घर लौट आई। मनस्वी ने बताया कि वे लोग कीव से काफी दूर थे और अनहोनी की चिंता बनी रहती थी। 28 फरवरी को वह हास्टल से हंगरी बार्डर की तरफ रवाना हुए थे। एंबेसी ने उन्हें वाहन पर तिरंगा लगाकर बार्डर की तरफ आने की सलाह दी और उसके बाद वह विशेष बस से हंगरी बार्डर की तरफ रवाना हो गए। इस पर उन्हें कहीं नहीं रोका गया। हमें देखकर पाकिस्तानी विद्यार्थियों ने भी अपनी बस पर तिरंगा लगा लिया। तिरंगे के सहारे सभी हंगरी बार्डर पर आसानी से पहुंच गए और वहां पासपोर्ट की जांच के बाद उन्हें प्रवेश्ा मिल गया पर पाकिस्तानी छात्रों को उनके पासपोर्ट ने रोक दिया और वह बार्डर पर ही अटक गए।
मनस्वी ने बताया कि हंगरी में प्रवेश के बाद वहां की सरकार ने भारतीय छात्रों का अच्छा ख्याल रखा। उसके बाद बुडापेस्ट से विशेष विमान से वह भारत पहुंच गई। मनस्वी ने बताया कि पूरे सफर में उनका एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ।