बेहतर मांग और कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी के चलते फरवरी में देश में सेवा क्षेत्र (सर्विस सेक्टर) की गतिविधियों में सुधार देखने को मिला है। सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में सुधार की ये दर पिछले साल जुलाई के बाद से दूसरी सबसे धीमी है। यह बात एक मासिक सर्वेक्षण में कही गई है। आइएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स फरवरी में 51.8 पर पहुंच गया। एक महीने पहले यानी जनवरी में यह 51.5 था। पीएमआइ में आंकड़ा 50 से ऊपर रहने का अर्थ है क्षेत्र में विस्तार हुआ है जबकि 50 से नीचे रहने का मतलब इसमें गिरावट आई है। आइएचएस मार्किट में इकोनामिक एसोसिएट डायरेक्टर पोलीन्न डी लीमा ने कहा, ‘भले ही नए व्यवसाय और उत्पादन तेजी से बढ़े, लेकिन वे अपने-अपने दीर्घकालिक औसत से नीचे थे। इस बीच महामारी से संबंधित अनिश्चितता और मुद्रास्फीति के दबाव के कारण भी वृद्धि धीमी रही।” लीमा ने कहा कि महामारी से संबंधित अनिश्चितता और महंगाई के चलते जनवरी के मुकाबले सुधार के बावजूद सर्विस सेक्टर से जुड़ी कंपनियां कामकाज बढ़ने को लेकर बहुत उत्साहित नहीं हैं। फरवरी में इनपुट लागत तेजी से बढ़ी और कंपनियों ने मांग कमजोर होने के बावजूद इसका बोझ उपभोक्ताओं पर डाला।