मोदी सरकार के अंतरिक्ष विभाग ने भविष्य में इस्तेमाल होने वाले दो राकेटों- जीएसएलवी-मैक थ्री और एसएसएलवी को अब निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की स्वदेशी कंपनियों से बनवाने का फैसला किया है। इसके लिए विभाग की व्यापारिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआइएल) ने निविदाएं मांगी थीं। इसके बाद राकेट बनाने के इच्छुक तीन कंपनी समूहों ने निविदाएं दी हैं। इन पर दो माह में निणर्य ले लिया जाएगा। इसके बाद सेटेलाइट को अंतरिक्ष में ले जाने में सहायक राकेटों का निजी क्षेत्र में निर्माण शुरू हो जाएगा।
इसके लिए जिन तीन भारतीय औद्योगिक समूहों ने राकेट निर्माण के लिए निविदाएं सौंपी हैं, वे हैं- एचएएल-एल एंड टी, बीईएल-अडानी-बीईएमएल और बीएचईएल। इन तीनों कंपनी समूहों ने पीएसएलवी (पोलर सेटेलाइट लांच वेहिकिल) बनाने की इच्छा जताई है।
एनएसआइएल एसएसएलवी (स्माल सेटेलाइट वेहिकिल) को भी निजी क्षेत्र के साथ मिलकर इस साल के अंत तक तैयार करने की योजना बना रहा है। एसएसएलवी तीन चरणों का ठोस ईंधन आधारित राकेट होगा। यह 500 किलोग्राम के सेटेलाइट को कुल 800 किलोमीटर की ऊंचाई तक ले जाने में सक्षम होगा।