दशहरा के दी असत्य पर सत्य की जीत हुई थी। रावण दहन के साथ रावण का अहंकार खत्म हुआ था। इस बार तिथियों के एक साथ होने के कारण लोगों ने दो दिन दशहरा मनाया। राज्य में अलग अलग जिलों में 25 और 26 दोनों ही दिन दशहरा मनाया जा रहा है। दशहरे से जुड़ी कई बातें सुनने को मिलती है,ऐसी मान्यता है कि आज के दिन नीलकंठ के दर्शन करने शमी की पूजा करना सर्वश्रेष्ठ होता है।
दशहरे पर ये करें उपाए
दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन बहुत ही शुभ होता है। माना जाता है कि इस दिन यह पक्षी दिखे तो आने वाला साल खुशहाल होता है।
शमी की करें पूजा
- दशहरा के दिन शमी के वृक्ष की पूजा करें। अगर संभव हो तो इस दिन अपने घर में शमी के पेड़ लगाएं और नियमित दीप दिखाएं। मान्यता है कि दशहरा के दिन कुबेर ने राजा रघु को स्वर्ण मुद्राएं देने के लिए शमी के पत्तों को सोने का बना दिया था। तभी से शमी को सोना देने वाला पेड़ माना जाता है।
- दशहरे के दिन देवी यात्रा करती हैं इसलिए इस दिन को यात्रा के लिए शुभ दिन माना जाता है। इस दिन संभव हो तो यात्रा करें भले ही वह छोटी दूरी की हो। इससे आपकी यात्रा में आने वाली बाधाएं दूर होती है। जिन लोगों को विदेश यात्रा की इच्छा है उन्हें यात्रा का योग मजबूत बनाने के लिए यह उपाय आजमाना चाहिए।
- दशहरे के दिन सिर पर जयंती रखें और ‘ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपानलिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।। मंत्र का जप करें। इससे आरोग्य सुख की प्राप्ति होती है। जयंती को तिजोरी या अलमारी में रखने से धन धान्य की प्राप्ति और बरकत होती है।
रावण दहन के बाद बची हुई लकड़ियां मिल जाए तो उसे घर में लाकर कहीं सुरक्षित रख दें। इससे नकारात्मक शक्तियों का घर में प्रवेश नहीं होता है।
दशहरे के दिन लाल रंग के नए कपड़े या रुमाल से मां दुर्गा के चरणों को पोंछ कर इन्हें तिजोरी या अलमारी में रख दें। इससे घर में बरकत बनी रहती है।