
शराब का हैंगओवर सिर्फ पीने वालों को ही नहीं, कभी-कभी बेचने वालों को भी चपेट में ले लेता है। छत्तीसगढ़ और दिल्ली की सरकार इसका ताजा उदाहरण है। आम चुनाव से पहले शराब बेचने की प्रक्रिया जिस तरह विवाद के घेरे में है, उसने आप और कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है।
दिल्ली शराब घोटाले में तो सरकार के डिप्टी सीएम को सेंट्रल एजेंसी गिरफ्तार भी कर चुकी है। छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री को गिरफ्तारी का डर सता रहा है। सुप्रीम कोर्ट में छ्त्तीसगढ़ सरकार कह भी चुकी है कि मुख्यमंत्री को फंसाने की साजिश की जा रही है। दिल्ली और छत्तीसगढ़ के अलावा तेलंगाना की सरकार भी शराब घोटाले की आंच में झुलस रही है और उसके बड़े नेता एजेंसी की रडार पर है।
छत्तीसगढ़ और तेलंगना में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में घोटाले पर सियासत भी खूब हो रही है। शराब घोटाला इन तीनों राज्यों की 35 लोकसभा सीटों पर भी असर डाल सकती है।