रायपुर। म्यूजिक अब सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि एक थेरेपी के रूप में उभर कर सामने आ रही है। रिसर्च यह बताती है अगर आप अपने पसंद का म्यूज़िक सुनते है तो आपका मूड खुश-मिजाज़ रहता है और सोचने-समझने की शक्ति भी बढ़ती है। इतना ही नहीं अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित है तो वो समस्या भी धीरे-धीरे सुधरने लगती हैं। वर्ल्ड म्यूजिक डे पर जानिए की आपके स्वस्थ पर संगीत कैसा असर डालता है।
स्ट्रोक की समस्या अगर आ भी गई है तो भी बिस्तर पर स्लो म्यूज़िक सुने, इससे आराम तो मिलेगा ही साथ ही तनाव कम होगा और रिकवरी फास्ट होगी। संगीत दिमाग के क्षतिग्रस्त हिस्सों की रिकवरी उत्तेजित करता हैं। जिससे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में बहुत सुधार आता है।
इम्यूनिटी करे स्ट्रांग
संगीत सुनने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता हैं। कोर्टीसोल के स्तर को कम करके यह तनावग्रस्त मांसपेशियों के आराम को बढ़ावा देता है। जिससे आप पहले की तुलना में अधिक आशावादी और सकारात्मक महसूस करते हैं। कई अध्ययनों से यह साबित हुआ है की म्यूज़िक सुनने से दिमाग रिलैक्स मोड़ में चला जाता है जिससे मसल्स को आराम मिलता है। हाल ही में एक रिसर्च के मुताबिक अगर इंसान संगीत का सहारा ले तो चिंता, डिप्रेशन, टेंशन के लेवल को कम कर सकता हैं। क्लासिकल म्यूजिक इसमें ज्यादा फायदेमंद हैं। रेग्युलर म्यूजिक सुनने से ब्रेन फंक्शन बेहतर होते हैं….इससे क्रिएटिविटी बढ़ती है।
संक्रामक बीमारियों से पीड़ित रोगियों के उपचार के दौरान संगीत का असर प्रतिरक्षा प्रणाली पर सकारात्मक पड़ता हैं। अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने और बार-बार बीमार होने से अपने आपको रोकने के लिए पसंदीदा म्यूज़िक सुनना जल्द शुरू करें।
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता हैं– संगीत से आपके शरीर में इम्मुनोग्लोबुलिन ए में वृद्धि होती हैं। यह एंटीबॉडी श्लेष्म प्रणाली में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है और कोशिकाओं को स्वस्थ रखती है। जिससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत बनता हैं।
बीपी में है फायदेमंद
उच्च-रक्तचाप, दिल की धड़कन और दिमाग की कार्य-प्रणाली को कंट्रोल करता हैं। संगीत सुनने का सबसे ज्यादा असर भी इसी भाग पर पड़ता है वो भी सकारात्मक।
जब कोई धीमा संगीत सुना जाता है तो उच्च-रक्तचाप और दिल की धड़कन भी धीमी हो जाती है। जिस वजह से हम आराम से और बेहतर सांस ले पाते हैं। बेहतर और पर्याप्त सांस लेने की वजह से पेट, कंधे, गले और बैक में मांसपेशियों का खिचाव कम हो जाता है जिससे हम गंभीर बैकपैन यानी पीठ दर्द से बच जाते हैं।
मेमोरी तेज होती है
कुछ भी पढ़ते वक्त अगर आप अपनी पसंद का स्लो म्यूज़िक सुनते है तो पढ़ा हुआ बेहतर याद रहता है। संगीत सीखने की गति को तेज करता है क्योंकि संगीत डोपामाइन रिहाई को बढ़ाता है जो सीखने में मदद करता है. संगीत दिमागी रोगों से पीड़ित लोगों की भी मदद करता हैं।
आयेगी मीठी नींद
अगर आप अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे है तो सोते समय सुखदायक संगीत सुनना शुरू कर दीजिए। रॉक या रेट्रो म्यूज़िक से रात को दूर रहे, नहीं तो परिणाम विपरीत भी आ सकते है। सोने से कुछ समय पहले शास्त्रीय संगीत को सुने। एक सुखद नींद के लिए सोने से पहले 30-45 मिनट का संगीत सुनने की आदत अवश्य डालें।