रायपुर- छत्तीसगढ़ में धान पर काम कर रहे वैज्ञानिकों और शोधार्थियों को अब फिलीपिंस के मनीला स्थित अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान में अनुसंधान और शोध करने की सुविधा मिलेगी। छत्तीसगढ़ सरकार, रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और मनीला के अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के बीच इसके लिए एक समझौता हुआ है। इसके लिए सरकार और विश्वविद्यालय के अधिकारी मनीला पहुंचे हैं। बताया गया, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह के साथ अधिकारियों का एक दल फिलीपिंस के मनीला स्थित अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान का भ्रमण करने गया था। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के बीच एक त्रिपक्षीय आशय पत्र (लेटर ऑफ इंटेन्ट) पर हस्ताक्षर किए गए। कृषि उत्पादन आयुक्त की वहां वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई चर्चा हुई। अनुसंधान संस्थान में विकसित किए जा रहे धान की नई किस्मों और अनुसंधान के बारे में बात हुई। उसके लिए इस्तेमाल हो रही आधुनिक तकनीकों की जानकारी ली। तय हुआ कि छत्तीसगढ़ में धान की नई प्रजातियों के विकास, धान अनुसंधान की नई तकनीकों के उपयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय मिलकर काम करेंंगे। इस मौके पर इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, आईआरआरआई के प्रजनन कार्यक्रम आधुनिकीकरण प्रमुख डॉ. संजय के. कटियार भी मौजूद रहे।