प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे के प्रति लोगों को आगाह किया। उन्होंने कहा कि नए वैरिएंट से हमें सावधान रहना होगा, ओमिक्रॉन पर लगातार शोध जारी है। हमारी सामूहिक शक्ति ही कोरोना को परास्त करेगी। वैश्विक महामारी को परास्त करने के लिए, हमें अनुशासन की जरूरत है। 140 करोड़ वैक्सीनेशन व्यवस्था पर भरोसे का प्रमाण है। इसी संकल्प के साथ 2022 में हमें प्रवेश करना होगा। यह इस साल का आखिरी मन की बात कार्यक्रम है। कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी और दूरदर्शन के पूरे नेटवर्क और आकाशवाणी समाचार और मोबाइल एप पर भी किया जाता है। इस दौरान पीएम ने ग्रीस के छात्रों द्वारा गाए गए ‘वंदे मातरम’ का भी जिक्र किया और उसका वीडियो भी दिखाया।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु विमान हादसे में घायल हुए कैप्टन वरुण सिंह का जिक्र किया जिनका बाद में बेंगलुरू के अस्पताल में निधन हो गया था। पीएम ने कैप्टन वरुण सिंह की उस चिट्ठी की बात की, जो उन्होंने बच्चों के लिए लिखी थी। साथ ही पीएम ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत सहित उन सभी लोगों को याद किया, जिनका हादसे में निधन हो गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘महाभारत के युद्ध के समय, भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कहा था- ‘नभः स्पृशं दीप्तम्’ यानि गर्व के साथ आकाश को छूना। ये भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य भी है। ऐसा ही एक जीवन रहा ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का। वरुण सिंह भी मौत से कई दिन तक जांबाजी से लड़े, लेकिन फिर वो भी हमें छोड़कर चले गए। वरुण सिंह, उस हेलीकॉप्टर को उड़ा रहे थे, जो इस महीने तमिलनाडु में हादसे का शिकार हो गया। उस हादसे में हमने, देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत कई वीरों को खो दिया।’
‘वरुण जब अस्पताल में थे, उस समय मैंने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा देखा, जो मेरे ह्रदय को छू गया। इस साल अगस्त में ही उन्हें शौर्य चक्र दिया गया था। इस सम्मान के बाद उन्होंने अपने स्कूल के प्रिंसिपल को एक चिट्ठी लिखी थी। वो चाहते थे कि जिस स्कूल में वो पढ़े हैं, वहां के विद्यार्थियों की जिंदगी भी एक सेलिब्रेशन बने। इस चिट्ठी को पढ़कर मेरे मन में पहला विचार यही आया कि सफलता के शीर्ष पर पहुंचकर भी वे जड़ों को सींचना नहीं भूले। दूसरा- कि जब उनके पास सेलिब्रेट करने का समय था, तो उन्होंने आने वाली पीढ़ियों की चिंता की।’
उन्होंने कहा, ‘अपने पत्र में वरुण सिंह ने अपने पराक्रम का बखान नहीं किया बल्कि असफलताओं की बात की। कैसे उन्होंने अपनी कमियों को काबिलियत में बदला, इसकी बात की। साथियों, औसत से असाधारण बनने का उन्होंने जो मंत्र दिया है, वो भी उतना ही महत्वपूर्ण है, इसी पत्र में वरुण सिंह ने लिखा था कि अगर वो एक भी छात्र को प्रेरणा दे सके, तो ये भी बहुत होगा। लेकिन, आज मैं कहना चाहूंगा- उन्होंने पूरे देश को प्रेरित किया है। उनकी चिट्ठी भले ही केवल छात्रों से बात करती हो, लेकिन उन्होंने हमारे पूरे समाज को सन्देश दिया है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मेरे लिए ‘मन की बात’ हमेशा से ऐसे ही लोगों के प्रयासों से भरा हुआ, खिला हुआ, सजा हुआ, एक सुन्दर उपवन रहा है और ‘मन की बात’ में तो हर महीने मेरी मशक्कत ही इस बात पर होती है, इस उपवन की कौन सी पंखुड़ी आपके बीच लेकर के आऊं। मुझे खुशी है कि हमारी बहुरत्ना वसुंधरा के पुण्य कार्यों का अविरल प्रवाह, निरंतर बहता रहता है। और आज जब देश ‘अमृत महोत्सव’ मना रहा है, तो ये जो जनशक्ति है, जन-जन की शक्ति है, उसका उल्लेख, उसके प्रयास, उसका परिश्रम, भारत के और मानवता के उज्जवल भविष्य के लिए, एक तरह से गारंटी देता है।’
उन्होंने कहा, ‘ये जनशक्ति की ताकत है कि भारत 100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी से लड़ सका, हम हर मुश्किल समय में एक-दूसरे के साथ परिवार की तरह खड़े रहे। आज विश्व में वैक्सीनेशन के आकड़ों की तुलना भारत से करें तो लगता है कि देश ने कितना अभूतपूर्व काम किया है।’ ओमिक्रॉन वेरिएंट पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कोरोना का एक नया वेरिएंट दस्तक दे चुका हैं। स्वयं की सजगता और अनुशासन कोरोना के इस वेरिएंट के खिलाफ बहुत बड़ी शक्ति है। हमारी सामूहिक शक्ति ही कोरोना को परास्त करेगी, इसी दायित्वबोध के साथ हमें 2022 में प्रवेश करना है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने एक वीडियो के बारे में भी बात, जिसमें ग्रीस के बच्चे वंदे मातरम गा रहे हैं। इस बार में उन्होंने कहा, ‘साथियो, आप ये जरूर सोच रहे होंगे कि आखिर ये खूबसूरत वीडियो कहां का है, किस देश से आया है? इसका जवाब आपकी हैरानी और बढ़ा देगा। वंदे मातरम् प्रस्तुत करने वाले ये छात्र ग्रीस के हैं। ऐसे ही प्रयास, दो देशों के लोगों को और करीब लाते हैं। मैं ग्रीस के इन छात्र-छात्राओं और उनके अध्यापकों का अभिनंदन करता हूं। आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान किए गए उनके प्रयास की सराहना करता हूं।’
‘साथियो, मैं लखनऊ के रहने वाले निलेश जी की एक पोस्ट की भी चर्चा करना चाहूंगा। उन्होंने लखनऊ में हुए एक अनूठे ड्रोन शो की बहुत प्रशंसा की है। ये शो लखनऊ के रेजिडेंसी क्षेत्र में आयोजित किया गया था। 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम की गवाही, रेजिडेंसी की दीवारों पर आज भी नजर आती है। यहां हुए ड्रोन शो में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अलग-अलग पहलुओं को जीवंत बनाया गया। आप भी इसी तरह अपने शहरों के, गांवों के, आजादी के आंदोलन से जुड़े अनूठे पहलुओं को लोगों के सामने ला सकते हैं। इसमें तकनीक की भी खूब मदद ले सकते हैं। चाहे ‘चौरी चौरा आंदोलन’ हो, ‘काकोरी ट्रेन’ की घटना हो या फिर नेताजी सुभाष का अदम्य साहस और पराक्रम, इस ड्रोन ने सबका दिल जीत लिया।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अरुणाचल प्रदेश के लोगों का एक अनूठा अभियान है। धीरे-धीरे अब जंगलों में पक्षियों की संख्या में कमी आने लगी है। इसे सुधारने के लिए ही अब ये एयरगन सरेंडर अभियान चल रहा है। साथियो, अरुणाचल प्रदेश पक्षियों की 500 से भी अधिक प्रजातियों का घर है। इनमें कुछ ऐसी देसी प्रजातियां भी शामिल हैं, जो दुनिया में कहीं और नहीं पाई जाती हैं। अरुणाचल के लोग अपनी मर्जी से अब तक 1600 से ज्यादा एयरगन सरेंडर कर चुके हैं। मैं अरुणाचल के लोगों की, इसके लिए प्रशंसा करता हूं, उनका अभिनन्दन करता हूं।’