तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन की आड़ में भारत में दंगा और अशांति फैलाने के इरादे से विदेश की धरती से लगातार ट्वीट किए जा रहे हैं। इनमें से सैकड़ों ट्वीट पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थक हैंडल से किए जा रहे हैं। लिहाजा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने देश की एकता एवं अखंडता के लिए खतरा बन रहे ऐसे 1,178 अकाउंट की सूची टि्वटर को सौंप उन पर कार्रवाई को कहा है। मोदी सरकार ने इसलिए भी सख्त रूख अपनाया है, क्योंकि इन अकाउंट से किए जाने वाले ट्वीट को प्रबंधकीय तरीके से अग्रसारित किया जा रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसे ट्वीट को टि्वटर के सीईओ जैक डोर्सी द्वारा भी लाइक किया जा रहा है।
मंत्रालय ने इन अकाउंट की सूची चार फरवरी को टि्वटर को सौंप दी थी, लेकिन टि्वटर ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे पहले 31 जनवरी को भी सरकार ने टि्वटर से 257 लिक को ब्लाक करने के लिए कहा था। उस संबंध में भी टि्वटर कोई कार्रवाई नहीं की गई। ये 257 लिंक फार्मर्स जेनोसाइड (किसानों का नरसंहार) हैशटैग से होने वाले ट्वीट से जुड़े हैं जो भारत में किसान आंदोलन के नाम पर हिसा भड़काने के उद्देश्य से किए जा रहे थे। टि्वटर द्वारा कार्रवाई करने की जगह इन्हें अभिव्यक्ति की आजादी बताया गया।
गत एक फरवरी को मंत्रालय की कमेटी के सामने टि्वटर के वकील की पेशी से ठीक पहले इन 257 लिक को कुछ मिनट के लिए ब्लॉक किया गया था। टि्वटर के इस रवैये को देखते हुए सरकार कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक टि्वटर को अगर सरकार का यह निर्देश मुनासिब नहीं लग रहा है तो कंपनी अदालत में सरकार के निर्देश को चुनौती दे सकती है। लेकिन टि्वटर की तरफ से अब तक सरकार के निर्देश को देश के किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी गई है।
सूत्रों के मुताबिक टि्वटर को यह बता दिया गया है कि सरकार ने आइटी एक्ट के सेक्शन 69 ए के तहत यह निर्देश दिया है क्योंकि ये ट्वीट आंदोलन को लेकर गलत सूचना का प्रसार कर रहे हैं, जिससे हिंसा भड़कने के साथ देश की कानून व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका हैं। इस एक्ट में जुर्माने के साथ ही सख्त कार्रवाई का प्रावधान है।
उधर, समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक टि्वटर में भारत और दक्षिण एशिया के लिए पब्लिक पॉलिसी मामलों की निदेशक महिमा कौल ने पद से इस्तीफा दे दिया है। टि्वटर में पब्लिक पॉलिसी मामलों के वाइस प्रेसिडेंट मोनिक मेके ने कहा कि इस साल के शुरू में महिमा कौल ने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया। कंपनी उनके इस फैसले का सम्मान करती है। वह मार्च तक इस पद पर बनी रहेंगी।