क्रेडिट और डेबिट कार्ड को लेकर एक जुलाई से लागू होने वाले नियम रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) ने तीन महीने के लिए टाल दिए हैं। यानी कि अब यह नियम एक अक्टूबर से लागू होंगे। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से मिले सुझावों और अनुरोधों के बाद यह फैसला लिया गया है। जिन प्रावधान को लागू करने की समयसीमा बढ़ाई गई है, उसमें से एक क्रेडिट कार्ड को एक्टिव करने से जुड़ा है। आरबीआई ने फिनटेक कंपनियों को कोई राहत नहीं दी है। नए नियमों के अनुसार, अब कस्टमर की तरफ से कार्ड से किए गए ट्रांजेक्शन की जानकारी को-ब्राडिंग पार्टनर एक्सेस नहीं कर सकेंगे।
जिन नियमों को एक जुलाई से लागू किया जाना था, उसमें कार्ड जारीकर्ता को क्रेडिट कार्ड एक्टिव करने के लिए कार्डधारक से वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आधारित सहमति लेनी आवश्यक थी। ये सहमति तब ली जानी थी जब कार्ड जारी करने की तारीख से 30 दिनों से अधिक समय तक ग्राहक द्वारा इसे एक्टिव नहीं किया गया हो। यदि कार्ड को सक्रिय करने के लिए कोई सहमति प्राप्त नहीं होती है, तो कार्ड जारीकर्ता को ग्राहक से पुष्टि प्राप्त करने की तिथि से सात कार्य दिवसों के भीतर बिना किसी लागत के क्रेडिट कार्ड बंद कर देना होगा। इसके अलावा, कार्डधारक से स्पष्ट सहमति प्राप्त किए बिना कार्डधारक को स्वीकृत क्रेडिट सीमा का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।