कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ पांचवें दिन पूरी हो गई। लगभग 50 घंटे तक चली पूछताछ में राहुल गांधी से यंग इंडिया और एसोसिएटेड जर्नल (एजेएल) से जुड़े सवाल पूछे गए। ईडी ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इसी मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। लेकिन, गंगाराम अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद डाक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। सोनिया गांधी ईडी से पूछताछ के लिए नई तारीख देने का अनुरोध कर सकती हैं।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राहुल गांधी से पूछताछ पूरी हो गई है। उन्होंने पांच दिन तक चली पूछताछ को संतोषजनक बताया। उनके अनुसार अब आगे उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं है। लंबे समय तक चली पूछताछ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मामले की जटिलता को देखते हुए पूछताछ में सभी तथ्यों को स्पष्ट करना जरूरी था।
पूछताछ में लगे अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश था कि मामले से जुड़ा कोई भी जरूरी सवाल अनुत्तरित नहीं रह पाए। भले ही राहुल गांधी उसका उत्तर देने से इन्कार कर दें या जानकारी नहीं होने की बात कहें। लेकिन ये सब कुछ रिकार्ड पर आना चाहिए। पूछताछ के लंबी चलने का दूसरा कारण यह रहा कि मनी लांड्रिग रोकथाम कानून के तहत आरोपित को सवालों के जवाब खुद लिखने पड़ते हैं और हर पेज पर ऊपर, नीचे और बाईं तरफ हस्ताक्षर भी लिए जाते हैं ताकि अदालत में बयान को सुबूत के तौर पर पेश किया जा सके।
ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शुरुआत में अधिकांश सवालों से बचने के बाद धीरे-धीरे राहुल गांधी ने सवालों का जवाब देना शुरू कर दिया। वैसे अहम सवालों पर इसकी जानकारी कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा को होने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस सबके बावजूद राहुल गांधी के बयान में एजेएल के घाटे में जाने, कांग्रेस की ओर से 90 करोड़ रुपये का कर्ज दिए जाने, यंग इंडिया के गठन और एजेएल के अधिग्रहण के साथ-साथ कंपनी के कामकाज पर काफी जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि इन जानकारियों से एजेएल के यंग इंडिया में विलय के मनी लांड्रिंग के फिट केस होने के ईडी के दावे को बल मिला है।