बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तिथि घोषित होते ही चुनाव पूर्व सर्वे भी सामने आने लगे हैं। पहला सर्वे आइएएनएस सी-वोटर का आया है। इस सर्वे में बिहार में फिर से राजग की सरकार बन रही है। 243 सदस्यों वाली विधानसभा में गठबंधन को 151 सीटें मिलती लग रही हैं जबकि राजद के नेतृत्व वाले संप्रग को 74 सीटें मिल रही हैं। वहीं अन्य के खाते में 18 सीटें आ रही हैं। एक सितंबर से 25 सितंबर के बीच हुए इस सर्वे में 25,789 लोगों से बात की गई। ये लोग सभी 243 सीटों से संबंधित थे। उल्लेखनीय है कि बिहार में 28 अक्टूबर से सात नवंबर के बीच तीन चरणों में चुनाव होना है। नतीजे दस नवंबर को आएंगे।
सर्वे के ओपीनियन पोल के अगर नतीजे अगर बनते हैं तो 2015 की तुलना में राजग के लिए यह चुनाव बहुत फायदे वाला साबित होगा। तब नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला जनता दल (यू) साथ छोड़कर राजद के साथ महागठबंधन में शामिल हो गया था और उसने वहां पर सरकार बनाई थी। बीच कार्यकाल में नीतीश कुमार ने राजद का साथ छोड़ा और वापस राजग में आ गए। इसके बाद उन्होंने फिर से सरकार बनाई। ताजा और पहला सर्वे बता रहा है कि नीतीश का भाजपा के साथ सरकार चलाने का सिलसिला जारी रहेगा। राजग को सबसे बड़ा फायदा उत्तर बिहार में होता नजर आ रहा है। इस बार के चुनाव में यहां उसे 49 सीटें मिल रही हैं। जबकि मगध-भोजपुर इलाके में 41 सीटों पर उसकी जीत की संभावना है। इन सभी इलाकों में 2015 की तुलना में संप्रग अपनी सीटें गंवाता नजर आ रहा है। मतों की साझेदारी के लिहाज से राजग के हिस्से में 44.8 प्रतिशत मत आ रहे हैं, जबकि 2015 में उसे 34.1 प्रतिशत मत मिले थे। संप्रग को इस बार 33.4 प्रतिशत मत मिलते लग रहे हैं, जो 2015 में उसे मिले 41.9 प्रतिशत मतों से काफी कम हैं।
सर्वे के परिणाम के लिहाज से राजग को बिहार में आने वाले चुनाव में 141 से 161 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि संप्रग की सीटों का आंकड़ा 64 से 84 के बीच रह सकता है। अन्य के हिस्से में 13 से 23 सीटें आ सकती हैं।