
केंद्र सरकार ने घरेलू एलपीजी सिलेंडर के बाद अब पेट्रोल और डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में भी 2 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है। यह निर्णय राजस्व संग्रह बढ़ाने और बजटीय घाटे को नियंत्रण में लाने के उद्देश्य से लिया गया है। जानकारों के मुताबिक, तेल कंपनियां इस बढ़ी हुई ड्यूटी को उपभोक्ताओं पर स्थानांतरित कर सकती हैं, जिससे आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल के दामों में सीधी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
इस वक्त अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता बनी हुई है। ऐसे में एक्साइज ड्यूटी में यह बढ़ोतरी आम आदमी की जेब पर असर डाल सकती है, खासतौर पर उन लोगों पर जो रोजाना वाहन से सफर करते हैं या ट्रांसपोर्ट से जुड़े व्यवसाय में हैं। सरकार का कहना है कि इस अतिरिक्त राजस्व का इस्तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं और अन्य विकास कार्यों में किया जाएगा, जिससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकेगी।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम स्थिर रहते हैं तो इसका असर सीमित रह सकता है, लेकिन अगर कीमतों में उछाल आया तो इसका सीधा असर महंगाई पर भी पड़ सकता है। फिलहाल जनता को ईंधन खर्च के लिए अतिरिक्त बजट तैयार रखने की सलाह दी जा रही है। आने वाले हफ्तों में तेल कंपनियों की कीमतों को लेकर अगली घोषणा पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।