मोदी सरकार ने लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए घर पर ही टेस्ट देने की योजना को लेकर तैयारियां पूरी कर ली है। एनआईसी के सॉफ्टवेयर के जरिए टेस्ट देने वाले की फोटो कैप्चर की जा सकेगी। यानी आपके आधार कार्ड पर जो फोटो होगी, एनआईसी का सॉफ्टवेयर उस फोटो को मैच करेगा। अगर फोटो मैच नहीं हुआ तो घर बैठे टेस्ट नहीं दे सकेंगे। हालांकि फोटो मैच न होने की स्थिति में जोनल ऑफिस जाकर टेस्ट देने का विकल्प मौजूद रहेगा। अगले हफ्ते यह योजना लॉन्च होने की संभावना है।
एनआईसी ने दो दिन पहले परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और विभाग के सीनियर अधिकारियों के सामने फेस रेकगनिशन सॉफ्टवेयर को लेकर फाइनल प्रेजेंटेशन दिया है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि एनआईसी ने फाइनल प्रेजेंटेशन दे दिया है और फेस रेकगनिशन सिस्टम भी तैयार हो गया है। अब बहुत जल्द ही घर बैठे टेस्ट का सिस्टम शुरू हो जाएगा। एनआईसी ने जो सॉफ्टवेयर बनाया है, उसमें आधार कार्ड से फोटो मैच की जाएगी। जब आप आधार नंबर फिल करेंगे तो सॉफ्टवेयर फोटो मैच करेगा। किन्हीं कारणों से फोटो नहीं मिल पाती है तो आवेदक को अथॉरिटी में जाकर ही टेस्ट देना होगा।
ट्रांसपोर्ट के जोनल ऑफिसों में ज्यादातर सर्विस ऑनलाइन सिस्टम के दायरे में आ चुकी हैं और लोगों को अथॉरिटी आने की जरूरत नहीं होती। अभी परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस और लर्निंग लाइसेंस के लिए होने वाले टेस्ट के लिए लोग अथॉरिटी आते हैं लेकिन यह योजना लागू होने के बाद लर्निंग लाइसेंस के लिए भी ज्यादातर आवेदक घर बैठे ही टेस्ट दे सकेंगे और उन्हें घर बैठे ही लाइसेंस मिल जाएगा। टेस्ट में 9 से 15 सवाल तक पूछे जाएंगे और यह टेस्ट 10 से 15 मिनट का होगा।