इमरान खान के नेतृत्व में 1992 में जब पाकिस्तानी टीम ने पहली बार वनडे विश्व कप का खिताब जीता था तो रमजान का महीना चल रहा था। उस समय की पाकिस्तानी टीम और सहयोगी स्टाफ के अधिकतर सदस्य रोजे रखते थे। एक बार फिर पाकिस्तानी टीम आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में है और रविवार को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) में उसका मुकाबला उसी इंग्लैंड टीम से होगा, जिसे उन्होंने 1992 में खिताबी मुकाबले में हराया था।
पाकिस्तानी ऐसा मानकर चल रहे हैं कि उनके साथ 1992 का दोहराव हो रहा है। तब भी उनकी टीम हारते हुए अगर-मगर की डगर से पार पाकर फाइनल तक पहुंची थी और चैंपियन बनी थी। तब भी सेमीफाइनल में इमरान की टीम ने न्यूजीलैंड को हराया था। इस बार बाबर आजम की टीम का भी यही हाल रहा है। बाबर की टीम और सहयोगी स्टाफ के मुस्लिम सदस्य इस बार भी 1992 की तरह मैच के अलावा बाकी दिनों में रोजे रख रहे हैं।
पाकिस्तानी टीम से जुड़े सूत्र ने कहा कि 1992 में रमजान का महीना था और हमने खिताब जीता था। इस बार विश्व कप के दौरान रमजान नहीं हैं लेकिन टीम के अधिकतर खिलाड़ी मैच के अलावा बाकी दिनों में रोजे रख रहे हैं। टीम के सहयोगी स्टाफ में जो गैर मुस्लिम हैं उनको छोड़कर बाकी लोग भी रोजे रख रहे हैं। उनका मानना है इससे उन्हें फायदा होगा।