अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी अभी भी तालिबान के लिए अजेय बनी हुई है। वहां तालिबान का कब्जा नहीं कर पाया है। वहां तालिबान विरोधी गुट और सेना के लोगों के गुरिल्ला युद्ध छेड़ने के लिए एकत्रित हो रहे है। तालिबान के खिलाफ मुहिम छेड़ने की पहल अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह और अहमद मसूद मिलकर कर रहे हैं।
तालिबान पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा नहीं कर पाए हैं। पंजशीर घाटी में उन्हें चुनौती देने की तैयारी हो रही है। काबुल के उत्तर-पूर्व में करीब 150 किलोमीटर दूर पंजशीर दुर्गम इलाका है। यहां सत्ता खो चुकी अफगान सरकार के नेताओं और उनके समर्थकों के एकत्रित होने की सूचना है। जो लोग यहां मौजूद हैं उनमें अफगानिस्तान के पूर्व रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह मुहम्मदी भी शामिल हैं। यहीं पर सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया है। कहा है कि वह अपने हीरो अहमद शाह मसूद की विरासत के साथ धोखा नहीं कर सकते। वह आखिरी सांस तक तालिबान से लड़ेंगे।
उल्लेखनीय है कि पंजशीर के शेर के नाम से मशहूर अहमद शाह मसूद ने नार्दन एलायंस नाम से लड़ाकों का गठबंधन तैयार कर तालिबान से लगातार संघर्ष किया। बाद में धोखे से हमला कर उनकी हत्या कर दी गई थी। सालेह की मुहिम में शामिल अहमद मसूद उन्हीं अहमद शाह मसूद का बेटा है।