रायपुर। युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे अपने बच्चों की सुरक्षित वापसी के लिए अभिभावक अपने सांसदों पर भी दबाव बना रहे हैं। छत्तीसगढ़ के सांसदों के पास रोज ऐसे कॉल आ रहे हैं अथवा प्रभावित परिवार के लोग मिलने पहुंच रहे हैं। ऐसे में सांसदों की व्यस्तता भी बढ़ी है। सांसद विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय तक को बच्चों की सूची भेज रहे हैं। रायपुर से भाजपा सांसद सुनील सोनी ने बताया, उनसे रायपुर और आसपास के तीन परिवारों ने संपर्क किया था। उन्होंने अपने बच्चों के फंसे होने की जानकारी दी थी। इसके लिए उन्होंने आज ही प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क किया है। उन बच्चों से भी फोन के जरिए लगातार संपर्क में हूं। उनमें से एक हंगरी और दूसरा बच्चा पोलैंड पहुंच गया है। आज-कल में वे दोनों वापस आ जाएंगे। एक बच्चे से संपर्क नहीं हो पा रहा है। सुनील सोनी ने कहा, उनकी कोशिश जारी है। उन्होंने विदेश मंत्रालय को भी पूरी जानकारी साझा की है। बिलासपुर से भाजपा सांसद अरुण साव ने बताया, उनके पास बिलासपुर और आसपास के 15 बच्चों की सूची आई है। हम लोग उनके संपर्क में हैं। उनमें से कुछ बच्चे वापस आ चुके हैं। भारत सरकार से भी वहां रह गए बच्चों की सूची साझा की गई है। लगातार अपडेट लिया जा रहा है। सांसद अरुण साव ने बताया, वे गुरुवार को कुछ परिवारों से मिलने जाएंगे जिनके बच्चे यूक्रेन में फंस गए हैं। जिनके घर नहीं जा पाए उनसे फोन के जरिए बात होगी। भाजपा सांसद ने कहा, इस काम में उनकी पार्टी भी अब जुट गई है। व्यवस्थित तरीके से सूचनाएं साझा की जा रही हैं, ताकि जल्दी से जल्दी मदद पहुंचाई जा सके।
प्रदेश के दूसरे सांसद भी सक्रिय
इस मामले में दूसरे सांसद भी सक्रिय हैं। बताया जा रहा है, अधिकांश सांसद पार्टी के जरिए अपनी बात सरकार को पहुंचा रहे हैं। अलग-अलग क्षेत्रों के लोग अपने सांसदों के पास पहुंचकर या पत्र लिखकर अपनों की वापसी की बात कह रहे हैं। ऐसे में सांसदों को पत्र लिखना पड़ रहा है।
कांग्रेस सांसद से किसी ने संपर्क भी नहीं किया
कांग्रेस से राज्यसभा सांसद छाया वर्मा से अभी तक किसी ने यूक्रेन से वापसी के लिए संपर्क नहीं किया है। वर्मा कहती हैं, अभी तक तो किसी ने इसके लिए संपर्क नहीं किया है। राज्य सरकार के स्तर पर पूरी मदद की जा रही है। सरकार ने नंबर भी जारी किया है। लोगों को सरकार पर भरोसा है, इसलिए सीधे वहीं मदद मांग रहे हैं।