प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचे और सरदार पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की। सबसे पहले उन्होंने सरदार पटेल की जयंती पर शुभकामनाएं दीं और कहा, राष्ट्रीय एकता और अखंडता के अग्रदूत लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। इसके बाद राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में शामिल हुए। वह यहां कई परियोजनाओं की भी शुरुआत करेंगे। कोरोना के प्रकोप के बाद प्रधानमंत्री की यह पहली गुजरात यात्रा है। उनके दो दिवसीय गुजरात दौरे का आज दूसरा दिन है।
प्रधानमंत्री ने पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए कहा कि जब हमारे देश के जवान शहीद हुए थे उस वक्त भी कुछ लोग राजनीति में लगे थे। ऐसे लोगों को देश भूल नहीं सकता है। उस वक्त वे सारे आरोपों को झेलते रहे, भद्दी भद्दी बातें सुनते रहे। मेरे दिल पर गहरा घाव था। लेकिन पिछले दिनों पड़ोसी देश से जिस तरह से खबरें आई है, जो उन्होंने स्वीकार किया है, इससे इन दलों का चेहरा उजागर हो गया है। जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया है, उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, ये लोग किस हद तक जा सकते हैं, पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति, इसका बड़ा उदाहरण है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना संकट में देश ने जिस एकता के साथ मुकाबला किया, ऐसी ही एकता की कल्पना सरदार वल्लभभाई पटेल ने की थी। उन्होंने कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटे एक साल हो गए। 31 अक्टूबर को कश्मीर से धारा 370 हटा था। उन्होंने कहा कि सोमनाथ के पुनर्निर्माण से सरदार पटेल ने भारत के सांस्कृतिक गौरव को लौटाने का यज्ञ शुरू किया था, उसका विस्तार देश ने अयोध्या में भी देखा है। आज देश राममंदिर को बनते देख रहा है।
सरदार पटेल की जयंती पर प्रधानमंत्री द्वारा पुष्पांजलि अर्पित करने के मौके पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और गुजरात पुलिस द्वारा आयोजित एकता दिवस परेड का आयोजन किया गया है। वहीं राष्ट्रीय एकता दिवस परेड के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हम सरदार साहब की इस गगनचुंबी प्रतिमा के सान्निध्य में भारत की प्रगति का प्रण दोहरा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज सरदार सरोवर से साबरमती रिवर फ्रंट तक सी-प्लेन सेवा का भी शुभारंभ होने जा रहा है। सरदार साहब के दर्शन के लिए, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए देशवासियों को अब सी-प्लेन सर्विस का भी विकल्प मिलेगा। ये सारे प्रयास इस क्षेत्र में पर्यटन को भी बहुत ज्यादा बढ़ाने वाले हैं।
पीएम ने कहा कि ये भी अद्भुत संयोग है कि आज ही वाल्मीकि जयंती भी है। आज हम भारत की जिस सांस्कृतिक एकता का दर्शन करते हैं, जिस भारत को अनुभव करते हैं, उसे और जीवंत और ऊर्जावान बनाने का काम सदियों पहले आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने ही किया था। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि का श्लोक जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी की प्रेरणा हमें आज तक मातृभूमि की महता की सीख देती है।