बुराई करना रोमिंग की तरह है।करो तो भी चार्ज लगता है और सुनो तो भी चार्ज लगता है। नेकी करना जीवन बीमा की तरह है जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी तो सुकर्म की प्रीमियम भरते रहिये और अच्छे कर्म का बोनस पाते।
हमारा किया हुआ एक अच्छा काम कई लोगों के लिए मददगार साबित हो सकता है। हमारा तो भला होता ही है हमसे जुड़े और उसने अन्य लोगो की भी मदद होती है। उसी तरह हमारे द्वारा किया गया बुरे काम का भी आसान हमसे जुड़े कई लोगो को प्रभावित करता है। इस लिए कोई भी गलती करने के पहले अपने साथ साथ अपने से जुड़े दूसरे लोगों का भी सोचना चाहिए।