क्यों डरे कि जिंदगी में क्या होगा,
हर वक्त क्यों सोचें कि बुरा होगा।
बढ़ते रहें जिंदगी में मंजिल की ओर, ना मिली मंजिल तो तजुर्बा तो होगा॥
जी हां दोस्तों हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है हम पहले ही डर के नेगेटिव विचार अपने मन में ला देते हैं और सोच लेते हैं कि इस काम को शुरू करने के बाद हमें सफलता मिलेगी कि नहीं लेकिन इस डर को ही हमें अपने मन से निकालना है और एक सकारात्मक सोच सफलता हमारे हाथ लगेगी। और एक बार के लिए मान भी लीजिए कि सफलता हमारे पास नहीं आती है तो क्या जीवन ठहर जाएगा नहीं उसकी गति जल्दी नहीं हो जाएगी लेकिन हमारा जीवन फिर भी चलता है ना और एक बार हमें मौका फिर से दोबारा जीवन जरूर देगा फिर से अपनी किस्मत को और अपने काम को आ जाएंगे और सफलता पाकर भी दिखाएंगे।