सुविचार (प्रीति शुक्ल)
हम इंसान सबसे ज्यादा अकेलेपन से डरते हैं। हम सबका सबसे बड़ा डर अकेले पड़ जाना है क्योंकि हम एक सामाजिक प्राणी है। परंतु आज के समाज में इंसानियत दिखाई नहीं देती। इंसान इतना मौकापरस्त हो गया है की दूसरों की भावनाओ की उसे कोई कदर ही नहींहै।
बहुत ही सरलता से हम किसी के जज्बातों का मज़ाक बना देते हैं। इसलिये ये समझना बहुत जरुरी है कि वक्त किसी का नहीं होता। आज आपका है कल किसी और का होगा।
इसलिए अपनी इंसानियत एवं संवेदनाओ को कभी मरने न दे। दुसरों के दुख में सहभागी बने। किसी का दुख कम न भी कर सके तो कम से कम उसे बढ़ाये मत।