रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का स्वागत किया। मुख्यमंत्री गहलोत आज दोपहर रायपुर पहुंचे।वे एयरपोर्ट से सीधे मुख्यमंत्री निवास पहुंचे और राजस्थान में कोयल संकट को लेकर चर्चा की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि, राजस्थान की पूरी जनता इंतजार कर रही है कि कब छत्तीसगढ़ की जनता हमें परमिशन दें। राजस्थान पावर जनरेशन थर्मल बेस है। बिना कोयले चल नहीं सकते। साढ़े चार हजार पावर के प्लांट बंद हो जाएंगे अगर कोल सप्लाई छत्तीसगढ़ से न हो। फिर जो क्राइसिस आएगा उसकी कल्पना कोई नहीं कर सकता। काफी लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से मांग की थी,अधिकारियों से संपर्क में हैं। पूरे प्रदेश की जनता इंतजार कर रही है कि कब छत्तीसगढ़ की जनता हमें परमिशन दें। कोयले के उपयोग को लेकर पूरा हिसाब किताब पावर कंपनियों में रहता है। कोयले के गायब होने पर कहा कि अब मालूम किया जाएगा कि कोयल आखिर गायब कहां हो जाता है। इसके साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री से रिक्वेस्ट करेंगे। हम लोग कन्वेंस करने का प्रयास करेंगे कि हमारी रिक्वायरमेंट कैसी है। और कैसी क्राइसिस है। कोयला नहीं मिला तो हमारे पावर प्लांट बंद हो जाएंगे,बहुत बड़ी चुनौती है।
राजस्थान में हो सकता है बिजली संकट
जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने राजस्थान को 2015 में चार हजार 340 मेगावाट बिजली उत्पादन इकाइयों के लिए छत्तीसगढ़ के परसा ईस्ट-कांटा बासन (पीईकेबी) में 15 एमटीपीए तथा परसा में 5 एमटीपीए क्षमता के कोल ब्लॉक आवंटित किए थे। इनमें से परसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक के प्रथम चरण में खनन इस महीने पूरा हो चुका है और यहां से राजस्थान को कोयले की आपूर्ति अब नहीं हो सकेंगी, जिससे बिजली संकट पैदा हो सकता है।
कोयला आपूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को देनी है स्वीकृति
केन्द्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और कोयला मंत्रालय ने परसा कोल ब्लॉक से राजस्थान को कोयले की आपूर्ति के लिए आवश्यक स्वीकृति दे दी है। अब द्वितीय चरण में वन से संबंधित स्वीकृति छत्तीसगढ़ सरकार के समक्ष विचाराधीन है। इसी सिलसिले में राजस्थान के उट यहां आ रहे हैं। राजस्थान का अधिकांश भू-भाग रेगिस्तानी है, जहां बिजली उत्पादन के लिए ना तो हाईड्रो पावर उपलब्ध है और ना ही कोयला उपलब्ध है।