भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया और कुछ अन्य देशों के राजनयिक बहिष्कार के बीच को विंटर ओलिंपिक खेल शुरू हुए। उद्घाटन समारोह में प्रमुख अतिथि के रूप में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हिस्सा लिया, आमंत्रित अतिथियों में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद थे। समारोह से निकलते ही पुतिन की चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ ‘पावर मीटिंग” हुई। इस बैठक में अमेरिका के खिलाफ हर सीमा से परे जाकर सहयोग का एलान हुआ।
रूस और चीन ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि दोनों देशों के रिश्ते किसी भी राजनीतिक और सैन्य गठबंधन से ज्यादा मजबूत हैैं। दोनों देशों की दोस्ती की कोई सीमा नहीं है। किसी भी क्षेत्र में हमारा सहयोग निषेध नहीं है। दोनों देश अंतरिक्ष, मौसम पर्यावरण, आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस और इंटरनेट को नियंत्रित करने के लिए मिलकर कार्य करेंगे। यह संयोग है कि अमेरिका जिस समय विंटर ओलिंपिक का बहिष्कार कर चीन के प्रति विरोध जता रहा है। उसी समय उसके यूक्रेन को लेकर रूस के साथ टकराव के हालात बन रहे हैैं। इस प्रकार से रूस और चीन, दोनों का अमेरिका के साथ हितों का टकराव है। इसीलिए रूस और चीन के और ज्यादा नजदीक आने की स्थितियां बनी हैैं।
भारत ने जहां गलवन की हिंसा में शामिल पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक को ओलिंपिक मशाल धावक की भूमिका देने के विरोध में बहिष्कार किया है। वहीं अमेरिका व अन्य देशों ने मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दे पर इन खेलों का बहिष्कार किया है। विंटर ओलिंपिक के आयोजन से पहले ही चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग पश्चिमी देशों से विवाद के मसले पर रूस का समर्थन जता चुके हैैं। पुतिन और चिनफिंग की टेलीफोन पर हुई वार्ता में विंटर ओलिंपिक के दौरान मुलाकात होने और रणनीतिक मसलों पर चर्चा होने की बात कही गई थी। इससे पहले पुतिन ताइवान मुद्दे पर चीन की नीति का समर्थन कर चुके हैैं। अब दोनों नेता साथ हैैं, इसलिए यूक्रेन और ताइवान पर चर्चा होना लाजिमी है। प्रेक्षक मानते हैैं कि विंटर ओलिंपिक की 20 फरवरी को समाप्ति के बाद यूक्रेन मसला भड़क सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने महीने के अंत में यूक्रेन पर रूसी हमला होने की आशंका जताई है।
रूस और चीन ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि दोनों देशों के रिश्ते किसी भी राजनीतिक और सैन्य गठबंधन से ज्यादा मजबूत हैैं। दोनों देशों की दोस्ती की कोई सीमा नहीं है। किसी भी क्षेत्र में हमारा सहयोग निषेध नहीं है। दोनों देश अंतरिक्ष, मौसम पर्यावरण, आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस और इंटरनेट को नियंत्रित करने के लिए मिलकर कार्य करेंगे। यह संयोग है कि अमेरिका जिस समय विंटर ओलिंपिक का बहिष्कार कर चीन के प्रति विरोध जता रहा है। उसी समय उसके यूक्रेन को लेकर रूस के साथ टकराव के हालात बन रहे हैैं। इस प्रकार से रूस और चीन, दोनों का अमेरिका के साथ हितों का टकराव है। इसीलिए रूस और चीन के और ज्यादा नजदीक आने की स्थितियां बनी हैैं।
भारत ने जहां गलवन की हिंसा में शामिल पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक को ओलिंपिक मशाल धावक की भूमिका देने के विरोध में बहिष्कार किया है। वहीं अमेरिका व अन्य देशों ने मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दे पर इन खेलों का बहिष्कार किया है। विंटर ओलिंपिक के आयोजन से पहले ही चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग पश्चिमी देशों से विवाद के मसले पर रूस का समर्थन जता चुके हैैं। पुतिन और चिनफिंग की टेलीफोन पर हुई वार्ता में विंटर ओलिंपिक के दौरान मुलाकात होने और रणनीतिक मसलों पर चर्चा होने की बात कही गई थी। इससे पहले पुतिन ताइवान मुद्दे पर चीन की नीति का समर्थन कर चुके हैैं। अब दोनों नेता साथ हैैं, इसलिए यूक्रेन और ताइवान पर चर्चा होना लाजिमी है। प्रेक्षक मानते हैैं कि विंटर ओलिंपिक की 20 फरवरी को समाप्ति के बाद यूक्रेन मसला भड़क सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने महीने के अंत में यूक्रेन पर रूसी हमला होने की आशंका जताई है।