प्राकृतिक गैस की कटौती के रूस के कदम ने महज एक सप्ताह में ही यूरोप के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैैं। विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश जर्मनी ने आपातस्थिति का दूसरा स्तर घोषित कर दिया। इसके चलते गैस के इस्तेमाल में किफायत करने वाले कदम उठाए जाएंगे। स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो जल्द ही गैस की राशनिंग भी की जा सकती है। जर्मनी ने रूस पर आर्थिक हमला करने का आरोप लगाया है।
यूरोपीय यूनियन (ईयू) के अंतर्गत आने वाले एक दर्जन देश रूसी गैस कटौती से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैैं। इनमें से दस ने उपभोक्ताओं के लिए चेतावनी जारी कर दी है। जबकि महज सात दिन में ही तीन देश संकट के दौर में पहुंच गए हैैं। यह जानकारी ईयू के पर्यावरण मामलों के प्रमुख फ्रांस टिमरमांस ने दी है। उन्होंने कहा, रूस गैस को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है जबकि रूस ने इससे इन्कार किया है। विदित हो कि रूस रूबल में भुगतान न करने के कारण पोलैैंड, बुल्गारिया, नीदरलैैंड्स, डेनमार्क और फिनलैैंड की गैस आपूर्ति पहले ही बंद कर चुका है।
रूस ने नार्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन के जरिये यूरोप में होने वाली गैस आपूर्ति की मात्रा में पिछले सप्ताह 40 प्रतिशत की कटौती कर दी थी। आपूर्ति की जा रही गैस के दबाव में कमी की भी शिकायतें सामने आई है। इससे गैस के आगे बढ़ने में दिक्कत पेश आ रही है। इसके चलते फ्रांस को गैस मिलने में कठिनाई हो रही है। इटली को बार-बार के अनुरोध के बावजूद रूस से पर्याप्त गैस नहीं मिल पा रही है। जर्मनी, फ्रांस और इटली दुनिया के सर्वाधिक संपन्न देशों के समूह जी 7 के सदस्य हैैं। अगर इनकी अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ी तो उसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
रूस के गैस आपूर्ति में कटौती के कदम से यूरोप में गैस की किल्लत पैदा हो गई है, साथ ही गैस की कीमत भी आसमान पर पहुंच गई है। यूरोप में ऊर्जा उत्पादन में गैस का ही मुख्य रूप से इस्तेमाल होता है। जर्मनी के आर्थिक मामलों के मंत्री राबर्ट हेबेक ने कहा है कि हम खुद को अब मूर्ख नहीं बना सकते। पुतिन (रूसी राष्ट्रपति) ने हमारे ऊपर आर्थिक हमला कर दिया है। अब हमें उससे बचाव का रास्ता तलाशना है। हेबेक ने गैस राशनिंग का विकल्प अपनाए जाने से इन्कार नहीं किया है।
उन्होंने लोगों से गैस के इस्तेमाल में कमी करने की भी अपील की है। हेबेक ने गैस आपूर्ति में कटौती से अमेरिकी बैैंक लेहमन ब्रदर्स के विफल होने जैसे प्रभाव की आशंका जताई है। इस बैैंक के विफल होने के बाद अमेरिका के कई बैैंक बर्बाद हो गए थे और 2008 में वैश्विक मंदी आ गई थी। जर्मनी की ऊर्जा प्रदाता कंपनी ईआन ने कहा है कि चेतावनी जारी करने से तत्काल कुछ बदलने वाला नहीं है। अब सरकार पर नजर है कि वह बाजार और गैस आपूर्ति को स्थिर व व्यवस्थित रखने के लिए कौन से कदम उठाती है।
यूक्रेन युद्ध के विरोध में अमेरिका के साथ मिलकर यूरोपीय यूनियन ने रूस पर तमाम प्रतिबंध लगाए हैैं। माना जा रहा है कि रूस द्वारा गैस आपूर्ति में की गई कटौती उसी का जवाब है। इससे यूरोप और रूस के बीच तनाव और बढ़ गया है।