रायपुर। गोलबाजार की दुकानों के मालिकाना हक की प्रक्रिया में कई तरह के पेंच सामने आ रहे हैं। निगम के रिकार्ड में 960 कारोबारियों को दुकानें आबंटित करने का ब्योरा है, लेकिन यहां इससे लगभग दोगुने कारोबारी काबिज हैं। निगम के रिकार्ड में जिन लोगों के नाम पर दुकान का आवंटन है उनमें से ज्यादातर ने उसे दूसरों को बेच दिया है। यानी निगम के रिकार्ड में किसी का नाम और वहां कब्जा किसी और का है। इसी को लेकर तकनीकी उलझन है। निगम दुकान किसे बेचेगा? हालांकि निगम की ओर से तय है कि जमीन की रजिस्ट्री उसी के नाम पर होगी, जिनके नाम पर आबंटन है। या जितने में कब्जा है। कारोबारी चाहते हैं, जिन्होंने अपनी दुकानें बेच दी है, उनके नाम पर रजिस्ट्री नहीं होनी चाहिए। दुकान पर कब्जा जिनका है, उनके नाम पर रजिस्ट्री करनी चाहिए। इसी तरह के दर्जनभर सवाल लेकर कारोबारी निगम मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने मेयर से सारे सवालों के जवाब लिखित में मांगे हैं। गोलबाजार क ऐतिहासिक और शहर का सबसे पुराना बाजार है।
–कई लोगों की छठवीं-सातवीं पीढ़ी कारोबार कर रही
यहां कई लोगों की छठवीं-सातवीं पीढ़ी कारोबार कर रही है वहीं कई ने दुकानें बेच कर कारोबार समेट ली है। निगम ने स्पष्ट कर दिया है कि दुकानों की रजिस्ट्री मूल कारोबारी के नाम पर होगी न कि जिन्होंने उसे बाद में खरीदी है। आबंटित 960 व्यापारियों में लगभग आधे में इस तरह का पेंच हैं। कारोबारियों ने जानना चाहा कि रजिस्ट्री भूमिस्वामी हक से होगी या फिर लीज डीड होगी। एक मुश्त रकम अदा करने पर क्या प्रति माह किराया भी अदा करना पड़ेगा। किस दर पर रजिस्ट्री होगी।
–जिनके नाम पर दुकानें आबंटित की गई है उनमें से अधिकांश या लगभग सभी का निधन
कितनी जमीन की रजिस्ट्री होगी। अर्थात जितना आबंटित है या फिर जितने पर कब्जा है। आबंटन से अधिक में कब्जा होने पर क्या किया जाएगा। जिनके नाम पर दुकानें आबंटित की गई है उनमें से अधिकांश या लगभग सभी का निधन हो गया है। कब्जा उनके वारिशानों का है। रजिस्ट्री किसके नाम पर होगी। दुकान में काबिज कोई और है और किराये की रसीद किसी और के नाम पर कटती है तो रजिस्ट्री किसके नाम पर होगी। जो दुकान खरीदने की स्थिति में नहीं हैं, उनका क्या होगा। पाटे या खुली जगह में बैठकर कारोबार करने वालों को कहां व्यवस्थापित करेंगे। कुछ दुकानों में पारिवारिक विवाद है, जो कोर्ट में भी लंबित हैं। उसका क्या होगा। मूलभूत सुविधा किस तरह विकसित की जाएगी। इस तरह व्यापारियों ने करीब दजज़्नभर सवालों के महापौर से लिखित जवाब मांगे हैं।