भारतीय बाजारों में घरेलू निवेशकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दिसंबर-2022 तिमाही में शेयर बाजारों में घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचते हुए 24.44 प्रतिशत रही है। घरेलू निवेशकों में संस्थागत और ज्यादा संपत्ति (हाई-नेटवर्थ) वाले व्यक्तिगत निवेशक भी शामिल हैं। यह लगातार पांचवीं तिमाही रही है, जब बाजारों में घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ी है। सितंबर 2022 तिमाही में घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी 24.25 प्रतिशत थी।
प्राइम डाटाबेस के आंकड़ों के अनुसार, बीती तिमाही में बाजारों में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी मामूली घटकर 7.23 प्रतिशत रही है। इससे पहले सितंबर-2022 तिमाही में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी 7.34 प्रतिशत थी। हालांकि, रुपये में मूल्य के लिहाज से खुदरा निवेशकों का निवेश बढ़कर 19.94 लाख करोड़ रुपये रहा है जो सितंबर तिमाही में 19.48 लाख करोड़ रुपये था। प्राइम डाटाबेस ने दिसंबर-2022 तिमाही में एनएसई में सूचीबद्ध 1,857 में से 1,832 कंपनियों के शेयरहोल्डिग पैटर्न के आधार पर यह आंकड़ा जारी किया है। प्राइम डाटाबेस समूह के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया का कहना है कि सितंबर 2021 में घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी 22.37 प्रतिशत थी। इसके बाद प्रत्येक तिमाही में इनकी हिस्सेदारी में बढ़ोतरी हो रही है।
आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर तिमाही में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआइआई) ने 27,134 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। दूसरी ओर, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 47,349 करोड़ रुपये की निकासी की है।
एफपीआई ने फरवरी में 9,600 करोड़ रुपये निकाले
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) घरेलू बाजारों में फरवरी में भी बिकवाल बने हुए हैं। डिपाजिटरी के डाटा के अनुसार, फरवरी में अब तक एफपीआइ ने इक्विटी से 9,600 करोड़ रुपये की निकासी की है। अन्य उभरते बाजारों के मुकाबले घरेलू इक्विटी का ज्यादा मूल्यांकन होने के चलते एफपीआई लगातार बिकवाली कर रहे हैं। इससे पहले जनवरी में एफपीआइ ने इक्विटी से 28,852 करोड़ रुपये की निकासी की थी। पिछले सात महीनों में एफपीआइ की यह सबसे बड़ी निकासी थी। इससे पहले दिसंबर और नवंबर में एफपीआई ने घरेलू इक्विटी बाजारों में क्रमश: 11,119 करोड़ और 36,238 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था।
छह कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 49,231 करोड़ रुपये घटा
बीते सप्ताह बीएसई में सूचीबद्ध शीर्ष-10 में से छह कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 49,231.44 करोड़ रुपये की गिरावट रही है। इसमें दिग्गज एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनीलिवर लिमिटेड (एचयूएल) के पूंजीकरण में सबसे ज्यादा गिरावट रही है। इसके अलावा भारती एयरटेल, आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के पूंजीकरण में भी कमी दर्ज की गई है। दूसरी ओर, टीसीएस, एसबीआइ, रिलायंस इंडस्ट्रीज और इन्फोसिस के बाजार पूंजीकरण में वृद्धि रही है।