रायपुर। कलिंगा विश्वविद्यालय में विधि विभाग के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए सुप्रीम कोर्ट की ख्यातिलब्ध वकील सुश्री सुगंधा जैन के मार्गदर्शन में कैरियर गाइंडेस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत वकालत की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को उनके विषय से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी और विधि के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाओं के बारे में जानकारी दी गयी।
विदित हो कि सुश्री सुगंधा जैन भारतवर्ष के विभिन्न अदालतों और न्यायाधिकरणों में सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में अभ्यास करने वाली एक प्रसिद्ध वकील हैं। वे उपभोक्ता कानून, दिवाला शोधन संहिता, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कार्पोरेट मुकदमेबाजी, प्रत्यर्पण मामले, पर्यावरण और वैवाहिक मामले के मुद्दों आदि के कानूनी विशेषज्ञ के रूप में प्रसिद्ध हैं। वकालत के क्षेत्र में स्वतंत्र अभ्यास शुरू करने से पहले वह राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में काम कर रही थीं, जिससे मुख्य रूप से उनकी जिम्मेदारी बच्चों के मौलिक अधिकारों पर काम करना था, जो भारत के संविधान में सन्निहित हैं। उन्होंने लोगो को विभिन्न बाल संबंधित अपराधों में सलाह दी है।
सुप्रीम कोर्ट बार इलेक्शन 2018 की वाॅलटियर रह चुकी सुगंधा को सार्वजनिक नीति में बहुत रूचि हैै। वह मानती हैं कि इसके माध्यम से कानून के क्षेत्र में बदलाव लाया जा सकता है। समाज निर्माण के लिए वह दृढ़ता से ‘‘बेहतर कानून, बेहतर प्रशासन‘‘ पर विश्वास करती है। अपने द्वारा की जाने वाली विभिन्न प्रकार की कानूनी सहायता के अलावा, वह आर्थिक रूप से पिछडे़ दलित छात्रों की भी मार्गदर्शन देने का निःशुल्क काम करती है।
कलिंगा विश्वविद्यालय के विधि विभाग के नए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप बेहतर समाज का निर्माण करना चाहते है। तो विधि की पढ़ाई आपके लिए सर्वोत्कृष्ट विकल्प है। न्यायपालिका देश का प्रमुख आधारस्तंभ है। भारत में, आज भी जिसके प्रति बहि सम्मान है और विश्वसनीयता कायम है। वास्तव में वकील एक सम्माननीय पद है। जिसकी डिग्री प्राप्त करने के बाद हम देश में संविधान के आधार पर किसी निर्दोष के पक्ष में लड़कर उसे भी बचा सकते है। और दोषी को कड़ी सजा दिला सकते हैं।
उन्होंने बताया कि विधि विषय में डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों के लिए सिर्फ शासकीय प्रतिष्ठान में ही नही बल्कि निजी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने की अपार संभावनाएँ हैं। आज बारहवीं की परीक्षा के बाद बीएएलएलबी, बीबीएएलएलबी जैसे पाँचवर्षीय पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। जिसकी डिग्री प्राप्त करने के बाद आप यूपीएससी और स्टेट गर्वनमेंट द्वारा आयोजित परीक्षा को उत्तीर्ण कर जज, मेट्रोपाॅलिटन मजिस्ट्रेट आदि बन सकते हैं। बीबीएएलएलबी के बाद पाँच साल के डिग्री कोर्स में छात्र को एक साथ बिजनेस और लाॅ दोनों की बारीकियां पढ़ने को मिलती है। आज काॅर्पोरेट जगत में वकीलों की अच्छी मांग है, यह कोर्स उस जरूतों को पूरा करता है।
सुगंधा जी ने बताया कि बेहतर भविष्य निर्माण के लिहाज से देखें, तो लाॅ (विधि) का क्षेत्र आज पहले से कहीं अधिक आकर्षक हो गया है। आज बहुत सारे युवा कानूनी पढ़ाई पूरी करने के बाद सामाजिक जिम्मेदारी को निभाने के साथ-साथ पैसे और रूतबे को प्राप्त कर रहे हैं। इस पढ़ाई के लिए उचित मार्गदर्शन बहुत आवश्यक है। आपने ज्ञान प्राप्त करने के लिए कलिंगा विश्वविद्यालय का चयन किया है। इस विश्वविद्यालय में बेहतर अधोसंरचना उपलब्ध है। जो नवीन और आधुनिक शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
विश्वविद्यालय में अनुभवी और योग्य प्राध्यापकों की टीम हैं। जिनके मार्गदर्शन से आपकों बहुत मदद मिलेगी।
इस कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात कलिंगा विश्वविद्यालय की छात्र कल्याण प्रकोष्ठ की अधिष्ठाता डाँ. आशा अंभईकर ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम का संचालन कपिल केलकर और अविनाश कौर ने किया। जिनका सहयोग डाँ. विनीता दीवान, हिमांशु झाड़े और डाॅ. हिंडोले घोष ने इस कार्यक्रम में विधि विभाग के समस्त प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित थें।