
छत्तीसगढ के जिला सुकमा में नौ महिलाओं समेत 44 नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। ये नक्सली 43 कैडर के निचले पायदान से हैं। वहीं, मेदकाम दुला प्लाटून नंबर 4 का सक्रिय सदस्य था और उस पर दो लाख का इनाम था।
सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी 44 नक्सली किस्ताराम, भेजेजी और चिंतानलार इलाकों में सक्रिय थे। नक्सलियों का कहना है कि वे खोखली माओवादी विचारधारा से निराश हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग राज्य सरकार के नक्सल पुनर्वास कार्यक्रम से प्रभावित थे, जिसे पुना नारकोम कहा जाता है, जिसका अर्थ है नई सुबह। राज्य में तैनात केंद्रीय बलों ने स्थानीय आबादी के लिए स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण जैसी कई कल्याणकारी योजनाओं की शुरूआत की है।
अक्टूबर 2021 में नौ महिलाओं समेत 43 हार्डकोर नक्सलियों ने सुकमा में सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण किया था। ये आतंकी चिंतागुफा और तोंगपाल के उग्रवाद के गढ़ में सक्रिय थे और चेतना न्याय मंच जैसे माओवादी संगठनों के सदस्य थे। उनमें से एक पर एक लाख का इनाम भी था। सीआरपीएफ के अधिकारियों ने दावा किया कि नक्सलियों का नेतृत्व और विचारधारा से मोहभंग हो गया था और वे मुख्यधारा में लौटना चाहते थे। नई योजना के तहत अब तक कम से कम 335 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।