दो साल में वैश्वक स्तर पर मानवजाति को परेशान करने वाला कोविड यानी कोरोना अब पशुओं में भी दिखने लगा है। कुत्ता, बिल्ली, शेर, चीता, तेंदुआ और हिरन समेत कई और पशुओं में इसका असर हुआ है। थोड़ी राहत की बात यह है कि भैंस, गाय, भेंड़ और बकरी जैसे पालतू और दुधारू पशुओं में इस कोरोना वायरस का कोई लक्षण् नहीं देखा गया है। इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चरल इंस्टीटयूट के एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक देश में 18 से 20 फीसद पशुओं में कोरोना वायरस के एंटी बाडी पाए गए हैं। भारत में पाए जाने वाले शेरों में कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है।
अनुमान है कि पशुओं में यह संक्रमण मानव से ही गया है क्योंकि जितने पशुओं में यह पाया गया है कि वह या तो चिड़ियाघर में रहते हैं या फिर घरों में पालतू हैं। अब तक दस शेरों की मौत हो चुकी है। पशुओं में फैल रही इस महामारी की जांच और रोकथाम के लिए वैक्सीन तैयार हो चुका है। इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (आईसीएआर) के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने पशुओं में कोविड-19 के वायरस की टेस्ट किट और वैक्सीन तैयार कर ली है। इस बारे में आईसीएआर के महानिदशक त्रिलोचन महापात्र ने बताया “शेरों में मिला डेल्टा वैरिएंट मानव में होने वाले डेल्टा वैरिएंट के समरूप पाया गया है। पशु से पशु में और इसके साथ मानव में इसके संक्रमण को रोकने के लिए एन्कोवेक्स वैक्सी विकसित कर लिया गया है।” उपमहानिदेशक (पशु विज्ञान) डॉक्टर वीके त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना की वजह से दस शेरों के मौत की पुष्टि हो चुकी है। भोपाल स्थित लैब में सैंपल टेस्ट के बाद इसकी पुष्टि हुई। हालांकि उन्होंने यह भरोसा भी जताया कि अश्व अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित वैक्सीन इसके प्रसार को रोकने में सक्षम है और सुरक्षित भी।
राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान के नेशनल सेंटर फॉर वेटनरी टाइप कल्चर के वैज्ञानिकों की टीम ने टेस्ट किट और वैक्सीन विकसित की है, जिसे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने लांच किया है। वैज्ञानिकों की टीम के मुखिया डॉक्टर नवीन कुमार ने एक सवाल में बताया कि दुनिया के कुछ देशों में पशुओं से मानव में कोरोना संक्रमण की सूचनाएं मिली हैं। भारत में इस दिशा में लगातार परीक्षण जारी है। उन्होंने कहा कि शेर, बाघ, चीता, तेंदुआ, हिरन और खरगोश में इसका संक्रमण थोड़ा गंभीर होता है, लेकिन अन्य पालतू पशुओं में इसका संक्रमण हल्का पाया गया है। डॉक्टर कुमार ने बताया कि कोविड-19 के प्रकोप से देश के विभिन्न् चिड़ियाघरों में अब तक दस शेरों के मरने की रिपोर्ट दर्ज है।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के बारे में बताया गया कि विभिन्न् शहरों की पशु चिकित्सा क्लीनिकों की जांच में 18 से 20 फीसद पालतू पशुओं में एंटीबॉडी (वायरस प्रतिरोधी क्षमता) पाई गई है। इससे स्पष्ट है कि मानव से ही पशुओं में कोरोना का संक्रमण हुआ है। पशुओं के लिए कोरोना वैक्सीन विकसित करने वाले वैज्ञानिकों में डॉक्टर नवीन कुमार के साथ डॉ. संजय बरुआ और पीएचडी कर रहे छात्र नितिन खंडेलवाल, रामकुमार और योगेश चंदर प्रमुख हैं। वैज्ञानिकों ने बताया कि पशुओं में जांच को लेकर जागरुकता का अभाव है। देश में वैक्सीन बनाने की पहल अमेरिका जैसे देशों में पशुओं की जांच रिपोर्ट के बाद की गई।