दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सक्रिय मोस्ट वांटेड अपराधियों ने अब अंतरराज्यीय सिंडिकेट बना लिया है। जेल के अंदर और बाहर ये अपराधी दिन-प्रतिदिन एक दूसरे के संपर्क में रहते हैं और अपना आपराधिक तंत्र मजबूत कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियों के पास जानकारी है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुख्यात आपराधिक गिरोहों के सरगनाओं को फूटी आंख नहीं सुहाते। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी ये आपराधिक गिरोह के सरगना प्रयास में जुटे हैं कि किसी तरह भाजपा फिर से सत्तारूढ़ नहीं हो। इसके लिए आपराधिक गिरोह प्रयास में जुटे हैं, मगर फिलहाल ये सरगना उत्तर प्रदेश से बाहर हैं, इसलिए कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं। बावजूद इसके ये अपराधी कुछ नेताओं को जितवाने के लिए अपना धनबल भी उत्तर प्रदेश भेज रहे हैं।
कुख्यात अपराधी लारेंस बिश्नोई के अंतरराज्यीय सिंडिकेट बनाने के प्रयास सफल हुए तो अब इस सिंडिकेट से कोई गिरोह अलग नहीं होना चाहता। इसकी वजह यह है कि इसमें अब क्षेत्र, इलाके या आपराधिक गिराहों के बीच होने वाली रंजिश जैसा कोई मसला नहीं है। सब केवल पैसे के लिए काम करते हैं। इंटरनेट और बेहतर संचार माध्यमों से आपराधिक गिरोहों के बीच आपसी संवाद और संपर्क बढ़ रहा है तथा पुरानी रंजिश धीरे-धीरे खत्म हो रही हैं। पुलिस के लिए अपराधियों का इस तरह मेल-मिलाप सिरदर्दी बन रहा है। इसकी दो वजह बताई जा रही हैं। एक तो आपसी संपर्क के आधार पर ये गिरोह एक-दूसरे की मदद किसी भी हद तक करते हैं। दूसरे इनके बीच फूट नहीं होने के कारण पुलिस इनका नेटवर्क नहीं तोड़ पाती।
लारेंस बिश्नोई इस समय उत्तर क्षेत्र के पांच राज्यों और केंद्र शासित चंडीगढ़ में अपना दबदबा बनाए हुए हैं। इसकी आपराधिक सत्ता को फिलहाल किसी से कोई चुनौती नहीं मिल रही है। इसका कारण है कि लारेंस के साथ काला राणा, काला जठेड़ी और पंजाब के गोल्डी बरार खुलकर हैं। गोल्डी बरार तो लारेंस की तर्ज पर ही फेसबुक पर किसी भी हत्या या अन्य अपराध की जिम्मेदारी लेता है। कुख्यात अपराधी काला राणा भी इस समय थाईलैंड में भारतीय पुलिस के कब्जे में है। शीघ्र ही काला राणा भारत लाया जाएगा। बताया जा रहा है कि काला राणा की तरफ से ही यह जानकारी खुफिया एजेंसियों को मिली है कि लारेंस की अगुआई में अंतरराज्यीय आपराधिक गिरोहों का सिंडिकेट बन चुका है। इनका काम रंगदारी, मादक पदार्थों की तस्करी कराना, जमीन-मकान-दुकान पर कब्जा करवाने से लेकर शार्प शूटर के माध्यम से हत्या करवाना है।
अंबाला में मोहित राणा की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। इसके बाद पंजाब के गैंगस्टर गोल्डी बरार ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी अपने फेसबुक पेज पर ली। साथ ही गोल्डी ने यह भी कहा कि मोहित राणा और उसके साथी का काम तमाम उसने अपने बड़े भाई काला राणा के कहने पर की। इतना ही नहीं, यह पोस्ट गोल्डी ने लारेंस बिश्नोई, काला जठेड़ी, जग्गू भगावनपुरिया व संपत्त नेहरा को टैग की। इससे खुफिया तंत्र की जानकारी और पुख्ता हुई।
बड़े आपराधिक गिरोहों की सक्रियता से कई नई जानकारियां मिल रही हैं। ये गिरोह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई वाली भाजपा सरकार की वापसी न हो इसके लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल बड़े आपराधिक गिरोह का कोई सरगना उत्तर प्रदेश्ा में नहीं है, इसलिए ये सभी दूसरे प्रदेशों से ही अपने प्रयास कर रहे हैं। इन गिरोह के सरगना आपस में अंतरराज्यीय सिंडिकेट बना चुके हैं। इस सिंडिकेट को निष्प्रभावी बनाने के लिए पांचों राज्यों के पुलिस महानिदेशकों के प्रतिनिधि अधिकारियों की एक संयुक्त टास्क फोर्स बनाने का भी सुझाव दिया गया है।