रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन से वार्ता के द्वार खोले हैं लेकिन यह अभी बहुत शुरुआती चरण में है। इससे यूक्रेन की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। यह बात रूसी राष्ट्रपति के क्रेमलिन कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने संवाददाताओं के प्रश्नों के उत्तर में कही। इस बीच यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच ताजा स्थितियों पर अमेरिका के रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगू से टेलीफोन पर बात की है। दोनों देशों ने आपसी संवाद कायम रखने पर जोर दिया है।
युद्ध के बीच करीब आठ महीने गुजर जाने के बाद रूस और यूक्रेन में वार्ता का यह दूसरा दौर शुरू हुआ है। इससे पहले मार्च-अप्रैल में दोनों देशों के बीच अधिकारी स्तर की वार्ता हुई थी लेकिन कुछ समय चलने के बाद वह रुक गई थी। तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने कहा है कि यूक्रेन को लेकर पुतिन के रुख में थोड़ी नरमी आई है और बातचीत के लिए वह तैयार होते दिख रहे हैं। इसलिए हमें बातचीत से यूक्रेन युद्ध की समाप्ति की उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। विदित हो कि एर्दोगन के दोनों देशों के राष्ट्रपतियों से अच्छे संबंध हैं और उनके ही प्रयास से रूस काला सागर के जरिये यूक्रेन को खाद्यान्न् निर्यात के लिए रास्ता देने के लिए तैयार हुआ था।
क्रेमलिन के प्रवक्ता पेस्कोव ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने कभी भी बातचीत की संभावना को खारिज नहीं किया है। यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई से पहले भी राष्ट्रपति ने अमेरिका के साथ बातचीत की थी। नाटो के विस्तार के खतरों को बताया था। लेकिन रूस की बात नहीं सुनी गई-उसकी चिताओं पर गौर नहीं किया गया, यूक्रेन की स्थिति उसी का परिणाम है। अब बातचीत की संभावना पर यूक्रेन को प्रतिक्रया देनी है।