भारत ने ओडिशा के चांदीपुर में स्थित अब्दुल कलाम द्वीप से परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण किया। 34.5 फीट लंबी और 11 हजार किलो वजन की इस मिसाइल की मारक क्षमता एक हजार से दो हजार किलोमीटर तक है। यह अपने साथ डेढ़ टन वजन के उच्च तीव्रता वाले विस्फोटक व परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इस मिसाइल से एक साथ कई निशाने साधे जा सकते हैं। वहीं इसे दूर से भी संचालित किया जा सकता है। इसमें तीन हजार किलो वजन तक के हथियार भी लगाए जा सकते हैं। युद्ध के समय इस मिसाइल का चलाने का निर्णय भारत की स्ट्रटजिक फोर्सेस कमांड लेती है।
परीक्षण के दौरान यह मिसाइल अधिकतम दूरी तक गई और परीक्षण के सभी मानकों पर खरी उतरते हुए निशाने को भेदा। अग्नि प्राइम का यह तीसरा सफल परीक्षण था। तीनों ही परीक्षणों में मिसाइल के रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो आपरेटिग ट्रैकिग सिस्टम तथा हथियार प्रणाली से लेकर सभी प्रणालियां अपने मानकों पर शत-प्रतिशत खरी पाई गई हैं। भारतीय सेना की विशेषीकृत मिसाइल हैंडलिग यूनिट स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमांड (एससीएफ) ने यह परीक्षण किया। इस मिसाइल के परीक्षण के दौरान डीआरडीओ और आईटीआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अधिकारी मौजूद थे।
भारत के पास पहले से ही अग्नि-1 से लेकर अग्नि-5 तक की मिसाइल मौजूद हैं। इन सभी मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है। इसके साथ ही भारत कई अन्य स्वदेशी और अत्याधुनिक मिसाइलों का भी परीक्षण कर चुका है। अग्नि प्राइम नई पीढ़ी की बैलेस्टिक मिसाइल है 7 लगातार तीसरे सफल परीक्षण के बाद इस मिसाइल की सटीकता और विश्वसनीयता प्रमाणित हो चुकी है। इससे पहले 18 दिसंबर, 2021 को इस मिसाइल का दूसरा परीक्षण हुआ था।