ब्राजील स्थित यूनिवर्सिटी आफ साओ पाउलो के शोधकर्ताओं ने अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के सेवन के प्रभावों का निर्धारण किया है। कोल्ड ड्रिंक्स, आइसक्रीम व चिप्स जैसे बहु स्तरीय प्रसंस्करित खाद्य पदार्थों को अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड की श्रेणी में रखा जाता है। अध्ययन निष्कर्ष ‘जर्नल आफ द एकेडमी आफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स” में प्रकाशित हुआ है। वर्ष 2011-16 तक चले नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रिशन एक्जामिनेशन सर्वे (एनएचएएनईएस) में 12-19 वर्ष के 3,587 किशोरों व युवाओं ने प्रतिभाग किया। अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल के आधार पर उन्हें तीन वर्गों में बांटा गया था। जब उच्च स्तर (कुल खाने की सामग्री के वजन का औसत 64 प्रतिशत) की न्यूनतम स्तर (18.5 प्रतिशत) से तुलना की गई, तो उन्होंने पाया कि 45 प्रतिशत प्रोसेस्ड खाद्य सामग्री का इस्तेमाल करने वालों में मोटापे का खतरा था। 52 प्रतिशत प्रोसेस्ड फूड का इस्तेमाल करने वालों में तोंद निकलने और 63 प्रतिशत वालों में लिवर व आंत के आसपास मोटापे का खतरा ज्यादा था। इसके कारण उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, टाइप-2 डायबिटीज, उच्च कोलेस्ट्राल व मौत का खतरा हो सकता है। अध्ययन के प्रथम लेखक डैनियल नेरी के अनुसार, ‘अध्ययन में अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के सेवन की नकारात्मक भूमिका के पुख्ता प्रमाण् सामने आए हैं।”