जम्मू संभाग के राजौरी में दोहरे आतंकी हमले में अपनों को खोने का दर्द झेल रहे लोग आतंकवाद के खिलाफ और मजबूती के साथ फिर उठ खड़े हुए हैं। ढांगरी व आसपास के क्षेत्र में ग्राम सुरक्षा समिति (वीडीसी) के सदस्यों ने आतंकियों से लोहा लेने के लिए फिर बंदूक थाम ली है और आसपास के क्षेत्र में गश्त भी शुरू कर दी है।
ढांगरी के ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्यों ने आतंकियों को ललकारते हुए कहा कि अब आओ सामने, हमने अपनी बंदूकों से जंग साफ कर लिया है। उन्होंने कहा कि अगर अब आतंकियों ने हमारे गांव की तरफ कदम बढ़ाए तो उन्हें वहीं पर दफन कर देंगे। इसके साथ ही गांव के लगभग 50 युवाओं व महिलाओं ने ग्राम सुरक्षा समिति का सदस्य बनने व आतंकियों से लड़ने के लिए हथियार देने के लिए आवेदन भी किया है।
इस बीच, केंद्र सरकार की ओर से राजौरी व पुंछ जिलों में भेजी रही सीआरपीएफ की 18 अतिरिक्त कंपनियां पहुंचनी शुरू हो चुकी हैं।
आतंकियों ने गत रविवार की शाम को ढांगरी गांव में घुसकर हिंदू परिवारों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर चार लोगों की हत्या व कई को घायल कर दिया था। अगले दिन सोमवार सुबह आईईडी धमाके में भी दो बच्चों की मौत हो गई थी। गांव में एक साथ छह चिताएं जलाने का मातम मना चुके ग्रामीण अब सदमे से उभर रहे हैं और उन्होंने सुरक्षाबलों के साथ खुद भी अपनी रक्षा करने की ठानी है।
वर्ष 1998 में आतंकवाद के दौर में आतंकियों से लोहा लेने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण सुरक्षा समितियां बनाकर उन्हें हथियार दिए गए थे। तभी से ये हथियार उन्हीं के पास हैं।
गुरुवार को ढांगरी गांव में ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्यों की राइफलों की जांच के लिए पुलिस ने हायर सेकेंडरी स्कूल में शिविर आयोजित किया। इस शिविर में करीब 80 सदस्य अपनी-अपनी थ्री नाट थ्री राइफल लेकर पहुंचे। इस दौरान पुलिस के विशेषज्ञों ने इन हथियारों की जांच करने के साथ इनकी सफाई भी करवाई, क्योंकि पिछले लंबे समय से इनका उपयोग नहीं किया गया है। इसके अलावा ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्यों को नई गोलियां भी दी गई। इस दौरान दो राइफलों को खराब पाया गया, जिन्हें जल्द बदला जाएगा। पूरी उम्मीद है कि ग्रामीणों को आधुनिक हथियार भी दिए जाएंगे।
आतंकियों से बदला लेने का दिखा जोश्
शिविर में पहुंचे ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्यों में आतंकियों से बदला लेने को लेकर काफी जोश दिखा। समिति के सदस्य अशोक कुमार ने कहा कि ढांगरी में जहां हमला हुआ, वह मेरे घर से करीब एक किलोमीटर दूर है। जैसे ही मैंने गोलियों की आवाज सुनी, उसी समय मैंने अपनी थ्री नाट थ्री राइफल निकाली और पांच गोलियां दागी, ताकि आतंकी हमारे क्षेत्र में दाखिल न हो सकें। उन्होंने कहा कि अब आतंकियों ने अगर हमारे गांव की तरफ रुख किया तो बचेंगे नहीं।
आतंकियों से लड़ने को महिलाएं भी आगे आईं
ढांगरी गांव की कई महिलाएं ग्राम सुरक्षा समिति में शामिल होने के लिए शिविर में पहुंची और अपने नाम दर्ज करवाए। शिविर में आई महिला सरिता देवी ने बताया कि हम भी आतंकियों के साथ मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। हमारे हाथ में भी बंदूक दो, ताकि जरूरत पड़ने पर हम भी आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे सकें। गांव की 10 से अधिक महिलाओं ने वीडीसी में शामिल होने के लिए अपने नाम दर्ज करवाए।