आज से दस महाविद्याओं को समर्पित गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो रहा हैं। इस दौरान मां की महाविद्याओं के पूजन का विधान है। इसी के चलते हर कोई विधि-विधान से इनकी आराधना करता है। लेकिन अगर आप के बस में ये करना न हो तो आप बहुत सरल तरीके से इन्हें प्रसन्न कर सकते है।
इनका लगाएं भोग
पहले नवरात्रि पर आदिशक्ति काली को गाय का शुद्ध घी या फिर सफ़ेद मिठाई अर्पित करना चाहिए।
दूसरे नवरात्रि के दिन तारा महाविद्या को शक्कर का भोग लगाएं और भोग लगाने के बाद इसे घर-परिवार के लोगों में वितरित कर दें। उम्र में वृद्धि होती है।
तीसरे नवरात्रि पर षोडशी महाविद्या देवी को दूध या दूध से बनी मिठाई, खीर का भोग मां को लगाएं और ब्राह्मण को दान करें। दुखों से मुक्ति होकर परम आनंद की प्राप्ति होती है।
चतुर्थ नवरात्रि के दिन भुवनेश्वरी महाविद्या को मालपुए का भोग लगाकर ब्राह्मण को दान दें। बुद्धि का विकास होगा, जिससे निर्णय लेने की शक्ति बढ़ेगी है।

नवरात्रि के पांचवें दिन माता छिन्नमस्ता को केले का नैवेद्य अर्पित करें, शरीर स्वस्थ होगा।
छठे दिन मां त्रिपुर भैरवी को शहद का भोग लगाएं। कहा जाता है इससे आकर्षण शक्ति में वृद्धि होती है।
सातवें दिन पर मां धूमावती को गुड़ का नैवेद्य अर्पित करें और बाद में ब्राह्मण को दान कर दें। इससे शोक से मुक्ति मिलती है और अचानक आने वाले संकटों से भी रक्षा होती है।
आठवें दिन को श्री बगलामुखी को पीली बर्फ़ी का भोग लगाएं। घर-परिवार में सुख-समृद्धि होगी।
नवमी पर मां मातंगीको नारियल का भोग लगाकर दान करें। संतान संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
आख़िरी दिन देवी कमला को पूरी-चने व हल्वा का भोग लगाकर कन्या पूजन करें।
पंडित युवराज शर्मा के अनुसार आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष दिनाँक ३०/६/२२ दिन गुरुवार से प्रारंभ होकर दिनाँक ८/७/२२ दिन शुक्रवार को समाप्त होगी।
दिनाँक ३०/६/२२एकम गुरुवार
दिनाँक ४/७/२२ पंचमी सोमवार
दिनाँक ७/७/२२ अष्टमी गुरुवार
दिनाँक ८/७/२२ नवमी शुक्रवार को पड़ेगी।