यूक्रेन की 15 प्रतिशत भूमि को रूस में मिलाने को हुए जनमत संग्रह के परिणाम से दुनिया में तनाव बढ़ गया है। रूसी अधिकारियों के अनुसार पांच दिन चले जनमत संग्रह में लुहांस्क, डोनेस्क, खेरसान और जपोरीजिया को रूस में शामिल करने के प्रस्ताव के पक्ष में 87 से 99.2 प्रतिशत तक मत पड़े हैं। जनमत संग्रह का शुरू से विरोध कर रहे यूक्रेन ने इसके परिणाम की भर्त्सना की है। जबकि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र में रूसी जनमत संग्रह की निदा और इसे अस्वीकार किए जाने का संकल्प पेश करेगा।
प्रतिक्रिया में अमेरिका ने रूस पर नए प्रतिबंधों की तैयारी शुरू कर दी है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकन ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश यूरोप की ऊर्जा सुरक्षा के लिए संकल्पबद्ध हैं। अमेरिका की ओर से यह आश्वासन तब आया है जब जर्मनी, स्वीडन और डेनमार्क ने रूस से गैस आपूर्ति करने वाली पाइपलाइनों में लीकेज होने की श्ािकायत की है। सबसे मोटी पाइपलाइन नार्ड स्ट्रीम वन से आपूर्ति बंद होने के बाद अब कम व्यास वाली पुरानी पाइप लाइनों से जर्मनी और कुछ अन्य देशों को कम मात्रा में रूसी गैस की आपूर्ति हो रही है। ब्लिकन ने कहा है कि पाइपलाइनों से लीकेज का कारण खोजे जाने की जरूरत है।
रूसी सेना के कब्जे वाले चार यूक्रेनी क्षेत्रों में मंगलवार को जनमत संग्रह की प्रक्रिया पूरी हुई थी। इसके बाद मतों की गिनती हुई। रूसी अधिकारियों के अनुसार लुहांस्क, डोनेस्क, खेरसान और जपोरीजिया के लोगों ने बड़े बहुमत से रूस में शामिल होने की इच्छा जताई है। रूसी संसद के उच्च सदन के प्रमुख ने कहा है कि जनमत संग्रह के परिणाम पर संसद चार अक्टूबर को विचार कर सकती है। संसद की स्वीकृति और उसके बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के स्वीकृति पत्र पर हस्ताक्षर के बाद यूक्रेन के चारों इलाके औपचारिक रूप से रूस का हिस्सा बन जाएंगे। 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप को भी रूस ने इसी प्रक्रिया से शामिल कर लिया था। रूस के पूर्व राष्ट्रपति और पुतिन के विश्वस्त दिमित्री मेदवेदेव ने चारों क्षेत्रों के लोगों का घर में वापस आने के लिए स्वागत किया है। विदित हो कि यूक्रेन पहले सोवियत संघ का ही हिस्सा था। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि कब्जे वाले इलाकों में फर्जी तरीके से मतदान कराके यूक्रेनी भूमि को शामिल करने का कदम पूरी तरह से अवैध और भर्त्सना योग्य है। यह पूरी तरह अस्वीकार्य है।
अमेरिका सुरक्षा परिषद में पेश करेगा संकल्प
अमेरिका ने यूक्रेनी इलाकों के रूस में शामिल होने को मान्यता न देने का संकल्प संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पेश करने की घोषणा की है। सुरक्षा परिषद में अमेरिकी दूत लिडा थामस-ग्रीनफील्ड ने कहा है कि अगर फर्जी जनमत संग्रह के परिणाम को स्वीकार किया गया तो फिर दुनिया में यह सिलसिला शुरू हो जाएगा। सुरक्षा परिषद में रूस द्वारा संकल्प को वीटो लगाकर रोके जाने की स्थिति में अमेरिका इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र आमसभा के समक्ष रखेगा। संयुक्त राष्ट्र में रूसी राजदूत वैसिली नेबेंजिया ने कहा है कि जनमत संग्रह पारदर्शी तरीके से और नियमों के अनुरूप हुआ है।