बालोद में लगातार बारिश के बाद नारागाँव जंगल में सियादेवी मंदिर के पास स्थित वाटर फाल की रौनक अब देखते ही बन रही है। यहां का नजारा लोगों के लिये आकर्षण का प्रमुख केन्द्र बना हुआ है। आसपास के जंगल, पहाड़ी और चट्टानों से हाते हुये गिरता पानी बेहद मनोहारी लग रहा है। इस वाटरफाल का लुत्फ उठाने के लिए क्षेत्र सहित दूरदराज के लोगों \ के आने का सिलसिला बना हुआ है। हालांकि बाकी दिनो यहाँ पानी कम रहता है. लेकिन बरसात के दिनो में भरपूर पानी रहता है। खुशनुमा मौसम और हरियाली के बीच पर्वत और जंगल से होकर चट्टानों से होते हुए आ रही बारिश का पानी और लगभग 35 फीट उॅचे पत्थरो से लगातार नीचे गिर रहे पानी को एक बेहतर वाटरफाल का रूप है।
अमूमन हर साल मानसून सीजन में यहाँ ऐसा नजारा देखने को मिलता है, जो मन को मोहने वाला हो जाता है। यह प्राकृतिक स्थल जंगल में स्थित है। ऐसे में आसपास का जंगल क्षेत्र और यह वाटरफाल लोगों के लिये आकर्षण का केन्द्र बन जाता है। इस प्राकृतिक सौदंर्य के नजारे को देखने के लिए जिले के अलावा दूरस्थ अंचल के पर्यटक यहाँ पहुचते है। इस वाटरफाल के उपरी हिस्से में सियादेवी का मंदिर है। मन्दिर में हजार साल पुरानी मूर्ति स्थापित है,जिसके प्रति लोगों की अटूट आस्था है। मन्दिर के कारण यह समूचा क्षेत्र न केवल धार्मिक बल्कि प्राकृतिक दृश्यों से भी ओत-प्रोत है। लोग बरसात के इन दिनों में यहाँ आते हैं और माता का दर्शन कर इस प्राकृतिक वाटरफाल का भी आनंद लेते हैं। इस क्षेत्र के लिए प्रकृति का यह अनुपम उपहार है, जो लोगो को अनायास ही अपनी ओर आकर्षित करता है।










