नए संसद भवन में प्रवेश से पहले आहूत विशेष सत्र का सरप्राइज़ सामने आ गया है।नरेन्द्र मोदी सरकार ने तीन दशक से लम्बित महिला बिल को मंज़ूरी दे दी है। अब यह बिल संसद पटल पर रखा जाएगा।भाजपा और कांग्रेस दोनों इसके समर्थक रहे हैं हालांकि कुछ क्षेत्रीय दल इसके विरोध में रहे हैं। बिल में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है।
इससे पहले 9 मार्च 2010 को राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण बिल को बहुमत से पारित कर दिया गया था, मगर तब समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल ने तत्कालीन यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी थी। इसके बाद बिल को लोकसभा में पेश नहीं किया गया।
इससे पहले 1998 में भाजपा नीत अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में यह बिल सदन में पेश होने जा रहा था। उस समय भारी हंगामा के कारण सदन के पटल पर नहीं रखा जा सका था। तब सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के हाथ से महिला आरक्षण बिल छिन कर फाड़ दिया था। गया के बेलागंज से आठ बार विधायक रहे सुरेन्द्र प्रसाद यादव की छवि दबंग विधायक की रही है। वह लालू प्रसाद के बेहद करीबी माने जाते हैं। अभी नीतीश सरकार में सहकारिता मंत्री हैं।
सुरेन्द्र प्रसाद यादव जहानाबाद से सांसद थे। सांसद रहते हुए उन्होंने तत्कालीन उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के हाथ से महिला आरक्षण बिल छीनकर फाड़ दिया था। इस बात का उन्होंने हाल में खुलासा भी किया है। गया के एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर सपने में आए थे। उन्होंने कहा संविधान के साथ खिलवाड़ हो रहा है। उसको रोको। बाबा साहेब के कहने पर संसद में महिला आरक्षण बिल फाड़ दिया था।