
रायपुर के कृषि उपज मंडी स्थित राम जानकी मंदिर एकता और सद्भाव का प्रतीक है। इस मंदिर का निर्माण “अकबर” ने 1992 में करवाया था। तब वह विधायक या मंत्री भी नहीं थे। वह आज भी यहां आकर बहुत ही श्रद्धा से आशीर्वाद लेते हैं। साथ ही विशेष आयोजन में भी शामिल होते हैं। 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा को लेकर इस राम जानकी मंदिर में भी विशेष तैयारियां हो रही हैं।
रायपुर के कृषि उपज मंडी स्थित राम जानकी मंदिर कई मायने में अहम है। ढाई दशक पहले “अकबर” ने इसका निर्माण करवाया था। कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर यह राम मंदिर ट्रेंड कर रहा है। दरअसल, अकबर कोई राजा नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में मंत्री थे। उन्होंने ही इस मंदिर का निर्माण करवाया था। राम जन्मभूमि आंदोलन के समय जब पूरे देश में मंदिर निर्माण को लेकर जन-जन में एक जोश था। उस समय मोहम्मद अकबर कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष थे। उन्होंने राम मंदिर मॉडल की तर्ज पर रायपुर में मंदिर निर्माण शुरू किया। आज जब पूरे देश में आयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा है तो मंडी प्रांगण के राम मंदिर की चर्चा खूब हो रही है।
मंदिर के पुजारी विजय पांडेय शास्त्री ने बताया कि अकबर कि आस्था इतनी अटूट है कि मंदिर निर्माण के बाद से हर वर्ष दोनों नवरात्र में दीप प्रज्वलित करवाते हैं। उनके नाम की हर बार ज्योत जलाई जाती है। इस मंदिर के निर्माण को लेकर न तो अकबर ने कभी दावा किया न ही किसी प्लेटफार्म पर इसका जिक्र ही करते हैं। यह मंदिर श्रीराम जानकी मंदिर के आलावा अकबर का मंदिर से प्रसिद्ध है।