अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आइएसएस) का संचालन वर्ष 2030 तक जारी रहेगा और इसके अगले साल वह प्रशांत महासागर के दूरस्थ क्षेत्र में समाधि ले लेगा।
गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, नासा के बजट प्राक्कलन में बताया गया है कि वर्ष 1998 में लांच किया गया आइएसएस जनवरी 2031 में कक्षा से बाहर हो जाएगा। इसके बाद वह नाटकीय तरीके से नीचे गिरते हुए प्वाइंट नेमो में स्प्लैश लैैंडिंग करेगा। अंतरिक्ष यान जब समुद्र में उतरता है तो उसे स्प्लैश लैैंडिंग कहा जाता है। प्वाइंट नेमो धरती से 2,700 किलोमीटर दूर है और उसे अंतरिक्ष के कब्रगाह के रूप में जाना जाता है। यह उपयोग से बाहर हो चुके अंतरिक्ष केंद्रों, पुराने उपग्रहों और दूसरे मानवीय अवशेषों का अंतिम विश्राम स्थल बन चुका है। यह समुद्र का ऐसा ध्रुव है, जहां लोगों का आवागमन नगण्य है। इसे ‘दक्षिण प्रशांत सागर अनिवासी क्षेत्र” भी कहा जाता है।
नासा ने प्वाइंट नेमो को ‘मानव सभ्यता से सबसे दूर की जगह” बताया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने इसी हफ्ते लो अर्थ आर्बिट साइंस के लिए नई ट्रांजिश्ान योजना की घोषणा की है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने तीन कंपनियों के साथ व्यावसायिक अंतरिक्ष केंद्र की लांचिंग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इनमें ब्ल्यू ओरिजिन, नैनोरैक्स एलएलसी व नार्थरोप ग्रुमैन सिस्टम कारपोरेशन शामिल हैैं। इस केंद्र का इस्तेमाल सरकारी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ-साथ निजी कंपनियां भी कर सकेंगी। माना जा रहा है कि पुराने अंतरिक्ष केंद्र की जल समाधि से पहले और मौजूदा दश्ाक के अंत तक इस केंद्र को लांच कर दिया जाएगा।