होली के दूसरे दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हर वर्ष चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज मनाया जाता है। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं और भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करती हैं।भाईदोज के साथ ही इस दिन चित्रगुप्त की भी पूजा की जाती है। आइए जानते हैं इस दिन के महत्व और पूजा विधि के बारे में…
शुभ मुहूर्त
द्वितीया तिथि प्रारम्भ: मार्च 29, 2021 को रात 08:54 बजे से
द्वितीया तिथि समाप्त: मार्च 30, 2021 को 05:27 बजे तक
विधि
भाईदूज के दिन पवित्र नदी में स्नान कर भगवान विष्णु एवं गणेश की पूजा शुभ फलदायी मानी जाती है। ज्योतिष के अनुसार इस दिन गोबर के दूज बनाए जाते हैं। इनकी विधि-विधान से पूजा की जाती है। बहनें दूज से भाई की लंबी आयु के लिए प्रार्थना की जाती है। एवं भाई के शत्रु एवं बाधा का नाश होने की प्रार्थना करती हैं। वैसे कई स्थान पर भाई को पीड़ा पर बैठाकर बहनें उनके माथे पर तिलक लगाती है। आरती उतारकर उनकी पूजा करती हैं।