
यूपी के 25 स्कूलों में नौकरी करके 13 माह में 1 करोड़ की सैलरी लेने वाली अनामिका शुक्ला के मामले में रोचक टिवस्ट आया है। गोंडा की रहने वाली अनामिका शुक्ला सामने आई और कहा कि वह बेरोजगार है, जबकि उसके दस्तावेजों का दुरुपयोग किया गया है। आज बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत प्रजापति के सामने आईं अनामिका शुक्ला ने खुद के अनामिका शुक्ला होने के दस्तावेज भी दिखाए। उन्होंने कहा कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में विज्ञान शिक्षक के लिए सुलतानपुर, जौनपुर, बस्ती, मिर्जापुर व लखनऊ में 2017 में आवेदन किया था, लेकिन न तो काउंसिलिंग में हिस्सा लिया और न ही कहीं नौकरी ही कर रही हैं।
बीएसए ने बताया कि अनामिका शुक्ला की ओर से इस आशय का शपथ दिया गया है कि उनके शैक्षिक अभिलेखों को फर्जी ढंग से इस्तेमाल किया गया। शपथ पत्र में लिखा है कि मीडिया में मामला देखा तो मंगलवार को सच्चाई अवगत कराने के लिए यहां आई। बीएसए के सामने पेश हुई महिला ने कहा है कि उसके शैक्षिक अभिलेखों का गलत इस्तेमाल कर इस मामले में पकड़ी गई युवती ने अलग-अलग जगहों पर नौकरी हथियाने का काम किया है। उसने आशंका जताई है कि इसके पीछे एक बड़ा रैकेट हो सकता है।
अनामिका ने अपने शैक्षिक अभिलेख का फर्जी दुरुपयोग कर नौकरी हथियाने वालों पर केस चलाए जाने की तहरीर नगर कोतवाली में दी है। कोतवाल ने बताया कि अधिकारियों के निर्देश के बाद रिपोर्ट दर्ज कर कर्रवाई की जाएगी। दस्तावेजों की बात करें तो अनामिका ने 10वीं की परीक्षा 2007 में फर्स्ट डिविजन ऑनर्स के साथ पास की थी। उन्होंने गोंडा जिले की रेलवे कॉलोनी स्थित के बालिका इंटर कॉलेज से पढ़ाई की थी और उनका रोल नंबर 1933977 था। 10वीं के 6 में से 5 सब्जेक्ट में उन्होंने डिक्टेंशन यानी 75 फीसदी से ज्यादा नंबर हासिल किए थे। इसी तरह 12वीं की परीक्षा भी उन्होंने यूपी बोर्ड से गोंडा जिले के SMJSIC से पास की थी। यह कॉलेज गोंडा के परसपुर इलाके में स्थित है। 12वीं का इम्तिहान भी उन्होंने फर्स्ट डिविजन ऑनर्स के साथ पास की थी। उल्लेखनीय है कि इस मामले में जिस लड़की की संलिप्तता सामने आई थी उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।