छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव के एक किसान मंगलू राम ने 15 साल पहले महज 10 रुपये में दो केचुआ खरीदा और जैविक खेती को अपनाकर आज जिले के उन्नत किसान बन गए। केशकाल क्षेत्र के भंडारवंडी जैसे छोटे से गांव के किसान मंगलू राम ने 15 साल पहले फ़र्टिलाइजर खाद के युग में जैविक खेती करने की सोची। मंगलू राम की सोच की सराहना कृषि अधिकारी भी करते हैं।
मंगलू राम पहले साधारण खेती करते थे। फिर उसके पढ़े-लिखे बेरोजगार भाई ने नौकरी नहीं मिलने पर जैविक खेती की सोची। इसके बाद हैदराबाद से 19 रुपये में दो केचुआ खरीद कर लाया। केचुआ खरीद कर लाने के बाद मंगलूराम ने कड़ी मेहनत की। उसकी मेहनत को कृषि विभाग के अधिकारियों ने रंग दिया। मंगलूराम ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारियों के सहयोग से दूसरे किसान और समूह को पांच सौ रूपये किलो में केचुआ बेच रहा हूं और जैविक खेती को लगातार कर रहा हूं। उसने जैविक खेती कर अपने खेत की उपज को भी बढ़ा लिया है।
कृषि अधिकारी उग्रेस देवांगन ने कहा कि जैविक खेती के जरिए मंगलू राम लगातार अपने खेत की पैदावार बढ़ाता जा रहा है। साथ ही जब कभी हमें जैविक खाद के लिए केचुए की जरूरत पड़ती है, मंगलूराम से ही लेते है। जैविक खेती के जरिए मगलू राम पर्यावरण को बचने की कोशिश में लगा हुआ है. मंगलू राम ने कहा रासायनिक खाद से उपजे फसल को खाने से जमीन और इंसान दोनों को नुकसान है। अगर जैविक खेती नहीं करेंगे तो इंसान के साथ ही हमारी धरती भी बीमार हो जाएगी। मंगलू राम की इस सोच की अधिकारी भी तारीफ करते हुए कहते हैं कि दूसरे किसानों के लिए मंगलू राम एक आदर्श हैं।