महाराष्ट्र में नाजायज वसूली के मामले में अब परत दर परत खुलने लगी है। अनिल देशमुख के बाद अब महाराष्ट्र सरकार के एक और मंत्री अनिल परब पर भी वसूली कराने का आरोप लगा है। इस रैकेट में उप मुख्य मंत्री अजीत पवार के एक करीबी का नाम भी सामने आया है। इसका खुलासा खुद मामले के आरोपी निलंबित एपीआइ सचिन वाझे ने की है।
अंटीलिया मामले और मनसुख हिरेन हत्याकांड में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के निलंबित एपीआइ सचिन वाझे ने एनआइए कोर्ट को पत्र लिखकर बताया कि उससे अनिल देशमुख के अलावा शिवसेना कोटे के परिवहन मंत्री अनिल परब भी वसूली करवाते थे। अनिल देशमुख जहां बार एवं रेस्टोरेंट्स से वसूली करने को कहते थे, वहीं अनिल परब ने मुंबई महानगरपालिका के ठेकेदारों से वसूली करने को कहा था। इतना ही नहीं डिप्टी सीएम अजीत पवार के परिचित ने गुटखा कारोबारियों से वसूली के लिए मुझे इस्तेमाल करने की कोशिश की। वाझे के इस पत्र से पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख पर लगाए गए आरोपों की भी पुष्टि होती दिख रही है।
विशेष एनआइए अदालत को लिखे हस्तलिखित पत्र में वाझे ने बड़ा धमाका करते हुए कहा कि छह जून, 2020 को उसका निलंबन समाप्त होने के कुछ ही दिन बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख ने उसे नागपुर से फोन करके कहा कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार उसे फिर से निलंबित कराना चाहते हैं। यदि वह उन्हें दो करोड़ रुपए दे, तो वे शरद पवार को समझाएंगे।
वाझे के अनुसार दो करोड़ रुपए दे पाने में असमर्थता जाहिर करने पर देशमुख ने कहा कि बाद में दे देना। जनवरी 2021 में देशमुख ने फिर उसे अपने बंगले ज्ञानेश्वरी पर बुलाया और कहा कि मुंबई में 1650 बार एवं रेस्टोरेंट्स हैं। इन सबसे हर महीने तीन से साढ़े तीन लाख रुपए हमारे लिए वसूल करो।
वाझे ने इसका प्रतिवाद करते हुए कहा कि मुंबई में 200 से ज्यादा बार नहीं हैं, और इतने पैसे वसूल नहीं किए जा सकते। क्योंकि ये मेरी क्षमता से बाहर है। गृहमंत्री के कक्ष से बाहर निकलने पर उनके निजी सचिव कुंदन ने भी पैसे वसूलने पर जोर दिया।
वाझे के अनुसार उसने वहां से लौटकर ये बातें पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को बताई थीं और आशंका जताई थी कि ऐसा न करने पर मुझे जल्दी ही किसी झूठे मामले में फंसाया जा सकता है। इस पर सिंह ने मेरा हौसला बढ़ाते हुए कोई गलत काम न करने की सलाह दी थी।
वाझे ने शिवसेना कोटे के परिवहन मंत्री अनिल परब पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने भी उसे अपने सरकारी बंगले पर बुलाकर सैफी बुरहानी अपलिफ्टमेंट ट्रस्ट (एसबीयूटी) के खिलाफ मिल रही शिकायतों पर ध्यान देने को कहा था। परब चाहते थे कि वाझे भिंडी बाजार में इमारतों का निर्माण करवा रहे इस ट्रस्ट के ट्रस्टियों को उनके पास लेकर आए, ताकि वे उनसे लेनदेन की बात कर सकें। परब ने वाझे को मुंबई महानगरपालिका के ठेकेदारों से भी 50-50 करोड़ रुपये वसूलने को कहा था।
वाझे ने अपने पत्र में नवंबर 2020 की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा है कि एक दिन उसके पास दर्शन घोड़वत नामक व्यक्ति आया। उसने खुद को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का करीबी बताते हुए महाराष्ट्र में चल रहे अवैध गुटखा कारोबार की जानकारी दी। वह चाहता था कि मैं गुटखा कारोबारियों से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूली करूं। मेरे मना करने पर घोड़वत ने मुझे धमकाया था कि वसूली न करने पर मैं अपनी कुर्सी से हाथ धो सकता हूं।