लगभग सभी जानते हैं कि अखरोट दिमाग और दिल को दुरुस्त रखता है, लेकिन आस्ट्रेलिया में हुए एक नए अध्ययन में पाया गया कि यह सूखा मेवा परीक्षा का तनाव कम करने में भी छात्रों के लिए मददगार हो सकता है। यूनिवर्सिटी आफ साउथ आस्ट्रेलिया के इस अध्ययन का निष्कर्ष न्यूट्रिएंट्स नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इसमें बताया गया है कि अखरोट पेट के भीतर मौजूद मित्र बैक्टीरिया या जीवाणुओं पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम करने में सक्षम है। महिलाओं के लिए तो यह विशेष तौर पर लाभकारी है।
विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर लारिसा बोब्रोवस्काया व पीएचडी छात्र मौरिट्ज हर्सेलमैन के अनुसार, “अध्ययन के दौरान मस्तिष्क व शारीरिक स्वास्थ्य पर अखरोट के इस्तेमाल के सकारात्मक परिणाम सामने आए।” अध्ययन में 80 स्नातक छात्र शामिल रहे, जिन्हें उपचार व नियंत्रित समूह में विभाजित किया गया। 13 हफ्ते के विश्वविद्यालय के सत्र के प्रारंभ में, परीक्षा के दौरान व परीक्षा खत्म होने के दो हफ्ते बाद, तीन बार उनका मूल्यांकन किया गया। नियंत्रित समूह वाले छात्रों को 16 हफ्तों तक तीन अंतरालों में अखरोट का नियमित सेवन कराया गया। हर्सेलमैन ने कहा, “हमने पाया कि जिन छात्रों ने रोजाना आधा कप के बराबर अखरोट खाया, मानकों के अनुरूप उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हुआ। सोने की गुणवत्ता व उपापचय भी बेहतर हुए।”