बस्तर के झीरम घाटी में 25 मई 2013 को नक्सलियों ने कांग्रेस के काफिले पर हमला कर कांग्रेस के बड़े नेताओं की हत्या कर दी थी। इस घटना में तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष नन्दकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा समेत 32 लोग मारे गए थे। नक्सलियों ने मौके से नेताओं के अंगरक्षकों के हथियार भी लुटे थे। महेंद्र कर्मा के पीएसओ की एके-47 रायफल सात साल बाद राजनांदगांव जिले में नक्सलियों से मुठभेड़ के बाद बरामद हुई है। गत 7 मई को अम्बागढ़ चौकी इलाके में मुठभेड़ में चार हार्डकोर नक्सली मारे गए थे। इन्हीं के पास से कर्मा के पीएसओ सियाराम सिंह की रायफल मिली है। सियाराम सिंह सीएएफ 9वीं बटालियन में पदस्थ थे।
राजनांदगांव एसपी जितेंद्र शुक्ला ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस पूरे मामले की जांच दुर्ग रेंज आईजी की अगुवाई में हो रही है। झीरम घाटी हमले के वक्त नक्सलियों ने हथियार लूट लिए थे। उन्हीं में से एक कर्मा के पीएसओ का भी रायफल एके-47 है। जिले के एंटी नक्सल मुख्यालय मानपुर के परदोनी गांव के जंगल में हुए एनकाउंटर में मारे गए नक्सलियों के शवों के पास से 4 घातक हथियार बरामद हुए थे। उल्लेखनीय है कि 7 मई को परदोनी गांव में आधी रात को एनकाउंटर में 4 नक्सली मारे गए थे। इनके शव के पास एके-47 राइफल बरामद हुआ था। इसकी पहचान हमले में शहीद हुए महेंद्र कर्मा के पीएसओ शहीद सियाराम सिंह को आवंटित हथियार के रूप में की गई है।