अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद यहां पैदा हुई भयावह स्थितियों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक विस्थापित महिला को अपनी बेटी का इलाज करवाने के लिए अपने डेढ़ साल के बच्चे को बेचना पड़ा। बाघलान प्रांत से विस्थापित होकर काबुल आई महिला ने 13 वर्षीय बेटी का इलाज कराने के लिए अपने डेढ़ वर्षीय बच्चे को 30,000 अफगानी मुद्रा में बेच दिया।
काबुल में एक तंबू में रह रही लैलुमा ने कहा कि उसने अपने बच्चे को बेच दिया क्योंकि उसके पास और कोई चारा नहीं था। पिछले वर्ष से उसके पति लापता हैं।
इस बीच विस्थापित होकर काबुल में रहने के लिए मजबूर हुए कई परिवार सर्दियों का मौसम शुरू होने से चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। तंबू में रह रहे कई परिवारों ने कहा कि सर्द मौसम के कारण उनके बच्चे बीमार हो रहे हैं। विस्थापित परिवारों ने कहा कि तालिबान की अगुआई वाले शरणार्थी मंत्रालय की ओर से उन्हें कोई सहायता नहीं मिली है।
इसी काबुल में 70 वर्षीय एक व्यक्ति ने अपनी दो बेटियों की मदद से 12 साल की एक लड़की की हत्या कर दी। लड़की के शरीर के अंग बेचने के लिए उनलोगों ने यह जघन्य काम किया। यह लड़की बाजार से रोजमर्रा का सामान आदि लाने में परिवार की मदद करती थी। वह उस परिवार के सदस्य के रूप में रह रही थी।