कोरोना महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है। कारोबार और उद्योगों के रुकने से बेरोजगारी का दायरा भी बढ़ गया है। ऐसे में परिवार की जरूरतों और अतिरिक्त आमदनी के लिए भारतीय महिलाओं ने शेयर मार्केट में भी कदम रखना शुरू कर दिया है। नया डीमैट खाता खुलवाने वालों में महिलाओं, खासतौर पर गृहिणियों की तेजी से बढ़ती संख्या बाजार के रिटेल सेग्मेंट की नई तस्वीर पेश कर रही है।
भारतीय रिटेल ब्रोकरेज फर्म शेयरखान बाई बीएनपी पारिबा के डायरेक्टर शंकर वैलया के मुताबिक लॉकडाउन के चलते बदले वित्तीय हालात में महिलाओं को निवेश के नए विकल्प तलाशने और कैपिटल मार्केट के अपने ज्ञान को बढ़ाने का मौका मिला। डिटिजल प्रणाली की बदौलत महिलाएं सभी तरह की जानकारियां जुटाने के साथ शेयर बाजार में निवेश भी करने लगीं। मार्च के अंत से अब तक के मार्केट की बढ़ोतरी में पहली बार निवेश करने वाली महिलाओं का बड़ा योगदान है।
ऑनलाइन ब्रोकरेज हाउस अपस्टॉक्स ने बताया कि पिछली तिमाही की तुलना में अप्रैल-जून, 2020 के दौरान उनके सक्रिय महिला ग्राहकों की संख्या में 53 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। इनमें 45 प्रतिशत महिलाएं लंबी अवधि के लिए निवेश करने बाजार में उतरी हैं, वहीं 55 प्रतिशत महिलाएं ट्रेडिंग पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं और छोटी अवधि में कमाई के मौके निकाल रही हैं। इनमें 74 प्रतिशत महिलाएं विशाखापत्तनम, जयपुर, सूरत, नागपुर, नासिक और गुंटूर जैसे अपेक्षाकृत छोटे शहरों से हैं।
अपस्टॉक के सह-संस्थापक और सीईओ रवि कुमार ने कहा कि वेतन में कटौती और नौकरियां जाने से महिलाएं अब शेयर मार्केट से जुड़कर कमाई करने पर ध्यान देने लगीं हैं। उन्होंने कहा, ‘सोने की बढ़ती कीमतें, फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और रियल एस्टेट निवेश में रिटर्न की गिरावट ने लोगों को फिजिकल की जगह फाइनेंसियल असेट में पैसे लगाने की ओर मोड़ दिया है।” अपस्टॉक के जरिये मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में पिछली तिमाही के मुकाबले 32 प्रतिशत ज्यादा महिलाओं ने अकाउंट खुलवाए। इनमें 70 फीसद महिलाएं पहली बार निवेश कर रही थीं। शेयर मार्केट के इन नए निवेशकों की औसत उम्र 33 वर्ष है।